Fuljhadi Making Viral Video: दिवाली जैसे-जैसे करीब आती है, बाजारों में रौनक बढ़ जाती है और बच्चों का सबसे पसंदीदा पटाखा – फुलझड़ी (Phuljhari) दुकानों की शोभा बन जाती है। बच्चे जिद करके अपने पेरेंट्स को दुकान लेकर जाते हैं और फुलझड़ी खरीदवाते हैं। हालांकि, क्या आपने देखा है कि यह पटाखा तैयार कैसे किया जाता है? इनदिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया गया है कि आखिर यह चमकदार फुलझड़ी कैसे तैयार की जाती है।
कैसे तैयार किया जाता है पटाखा?
वीडियो जिसे इंस्टाग्राम पर thefoodiehat ने पोस्ट किया है में दिखाया गया है कि मजदूर पारंपरिक तरीके से फुलझड़ी बनाने की प्रक्रिया को अंजाम दे रहे हैं। पहले एक रासायनिक मिश्रण तैयार किया जाता है, जिसमें एल्युमिनियम पाउडर, बोरिक एसिड और ऑक्सीडाइज़र के तत्व होते हैं। फिर पतले तारों पर सांचे में सेट करके उसमें डुबाया जाता है, इसके बाद उन्हें धूप में सुखाया जाता है। यह प्रक्रिया दो बार की जाती है और फिर उन्हें बंडलों में पैक किया जाता है।
हालांकि, वीडियो में दिख रही यह पूरी प्रक्रिया देखने में जितनी साधारण लगती है, उतनी ही सावधानी की मांग करती है। जरा सी गलती से आग लग सकती है, इसलिए मजदूरों को पूरी सुरक्षा के साथ यह काम करना पड़ता है। यही कारण है कि यह वीडियो लोगों को हैरान कर रहा है और साथ ही उन मेहनती हाथों की झलक दिखा रहा है, जिनकी वजह से हमारी दिवाली रोशनी से जगमगाती है।
यहां देखें वायरल वीडियो –
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो को अब करोड़ों यूजर्स देख चुके हैं। वीडियो को 11 लाख से अधिक यूजर्स ने लाइक किया है। कमेंट सेक्शन में यूजर्स ने कामगारों की मेहनत से प्रभावित होते हुए टिप्पणी की है। एक यूजर ने लिखा, “हर चमक के पीछे अनगिनत हाथों की मेहनत छिपी होती है। हमारे त्योहारों में रौशनी और हंसी लाने के लिए आपका धन्यवाद — आपके प्रयास से देश और भी ज़्यादा जगमगा उठता है। ईश्वर आप सभी को स्वास्थ्य और खुशियां प्रदान करें।”
एक अन्य टिप्पणी में लिखा था, “कोई सुरक्षा नहीं… कोई सावधानी नहीं… कोई मास्क नहीं.. दस्ताने नहीं…. ये क्या है???? श्री राम जी का गाना लगा कर क्या साबित कर रहे हो….क्या शोषण हो रहा है इनका??? मुझे तो शोषण होती नजर आ रही है क्यूंकि इन्हे लाख नहीं मिलते होंगे इस काम के।”
बहरहाल, यह वायरल वीडियो न सिर्फ जानकारीपूर्ण है बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाता है कि हर छोटी फुलझड़ी के पीछे कई हाथों की मेहनत और सावधानी छिपी होती है।