इतिहासकार रामचन्द्र गुहा ने पीएम नरेन्द्र मोदी की आलोचना की है और उनपर खुद को प्रमोट करने का आरोप लगाया है। रामचन्द्र गुहा ने सोमवार को ट्वीट किया और लिखा, ‘जब प्रधान सेवक प्रधान सेल्फ प्रमोटर बन जाए।’ दरअसल रामचन्द्र गुहा ने ये ट्वीट उस रिपोर्ट पर की है जिसमें बताया गया है कि केन्द्र सरकार ने पीएम मोदी की विशेषताओं को बताने के लिए विज्ञापन पर 11 सौ करोड़ रुपये खर्च किये। बता दें कि नवंबर 2016 में एक आरटीआई के जरिये खुलासा हुआ था कि केन्द्र सरकार ने सरकार की कामयाबियों को बताने के लिए विज्ञापन पर 11 सौ करोड़ रुपये खर्च किये। रामचन्द्र गुहा ने इस रिपोर्ट के आधार पर ट्वीट किया था। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें इस ट्वीट के लिए जमकर खरी खोटी सुनाई। एक यूजर ने लिखा, पीएम का ये फैसला खुद को भारत रत्न देने से तो अच्छा है। एक यूजर ने लिखा कि इसमें गलत क्या है, मोदी भारत सरकार की योजनाओं के ब्रान्ड एम्बेसडर हैं और उन्हें सरकारी एड में आना चाहिए। राग नाम के यूजर ने लिखा कि जब प्रधान इतिहास का शिक्षक, कांग्रेस का प्रधान प्रचारक बन जाए तो यही होता है। एक यूजर का कहना है कि इतिहासकारों को दोनों पक्ष का ध्यान रखना चाहिए, कभी कभी आईना देख लेना फायदेमंद होता है।

बता दें कि रामचंद्र गुहा इससे पहले भी मोदी और बीजेपी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि भारत को हिन्दू पाकिस्तान देख उन्हें चिंता होती है। कई लोग रामचंद्र गुहा पर कांग्रेस का समर्थक होने का आरोप लगाते हैं। इतिहासकार गुहा ने ये भी कहा है कि मोदी काफी काम करते हैं लेकिन पिछले तीन सालों में उन्होंने आरएसएस से दूरी बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। रामचन्द्र गुहा ने इससे पहले सुझाव दिया था कि कांग्रेस की स्थिति सुधारने के लिए नीतीश कुमार को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए।