प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख बच्चू कडू और उनके समर्थकों ने नागपुर हाई वे को जाम कर दिया। उनके समर्थक पूर्ण कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। कडू के समर्थक हजारों की संख्या में हैं और ये मामला सोशल मीडिया पर टॉप सर्च में शामिल है। हालांकि बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने बच्चू कडू और उनके समर्थकों को नागपुर के बाहरी इलाके में वर्धा रोड से हटने का निर्देश दिया।
कौन हैं बच्चू कडू?
बच्चू कडू का पूरा नाम ओमप्रकाश बाबाराव कडू है लेकिन बच्चू कडू के नाम से वह मशहूर हैं। महाराष्ट्र में किसानों के वह सबसे लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। बच्चू कडू ने 1999 में प्रहार जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी और इसे किसानों का समर्थन हासिल था। बच्चू कडू 2004 से 2019 तक लगातार अमरावती जिले की अचलपुर विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं।
उद्धव ठाकरे सरकार में बच्चू कडू मंत्री भी रहे हैं और उसके बाद 2022 में उन्होंने उद्धव ठाकरे से बगावत कर एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। बच्चू कडू कई बार आपत्तिजनक बयान भी दे देते हैं, जिसकी वजह से चर्चा में रहते हैं। 2016 में उन्हें एक डिप्टी सेक्रेटरी के साथ कथित मारपीट के लिए गिरफ्तार किया गया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या कहा?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन तथ्य यह है कि एक सार्वजनिक सड़क, विशेष रूप से एक राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध किया गया है, जो निश्चित रूप से भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने के नागरिकों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा, “ऐसी स्थिति में न्यायपालिका की भूमिका सक्रिय प्रकृति की होनी चाहिए, क्योंकि वह हमारे संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षक है।”
बता दें कि हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि 26 अक्टूबर को पुलिस ने बच्चू कडू को 28 अक्टूबर को नागपुर के मौजा परसोडी में केवल एक दिन के लिए आंदोलन करने की अनुमति दी थी। हाई कोर्ट ने कहा, ‘‘प्रथमदृष्टया यह स्पष्ट है कि बिना किसी अनुमति के आंदोलन/विरोध अब भी जारी है और आम जनता के सामने समस्याएं बढ़ गई हैं।”
