पिछले कुछ सालों से राजनीतिक पार्टियों के द्वारा मीडिया को टारगेट करने का चलन बहुत तेजी से चला है। मोदी सरकार में ‘गोदी मीडिया’ शब्द की भी उत्पत्ति हुई है। अभी तक तो गोदी मीडिया शब्द राजनीति में ही इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन इसको लेकर बवाल तब हो गया जब झारखंड की कोल्हान यूनिवर्सिटी में एक पेपर के अंदर आए सवाल में इसके बारे में पूछ लिया गया। जी हां, कोल्हान यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन कोर्स के सेमेस्टर 2 के पॉलिटिकल साइंस वाले पेपर में ‘गोदी मीडिया’ पर सवाल पूछ लिया गया।
सवाल ने किया छात्रों को परेशान
इस सवाल ने हर किसी को हैरान कर दिया है। मीडिया पर किए गए सवाल से यूनिवर्सिटी के विभिन्न छात्र संगठन भी आमने-सामने आ गए हैं। इस सवाल ने छात्रों को उलझा दिया है। किसी को भी समझ नहीं आया कि इसका जवाब क्या और कैसे दिया जाए। कई छात्रों ने तो इस सवाल को छोड़ ही दिया। जबकि कई छात्रों ने इसका जवाब भी दिया। एक स्टूडेंट ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि गोदी मीडिया वह है जो सरकार की गोद में है चाहे वह केंद्र या फिर राज्य सरकार हो। एक ने लिखा कि जो सरकार के नियंत्रण में है वह गोदी मीडिया है।
क्या था आखिर वह सवाल
मीडिया को लेकर जिस सवाल ने हर किसी को परेशान कर दिया वह कुछ ऐसा था कि गोदी मीडिया से आप क्या समझते हैं? यह शॉर्ट टाइप का प्रश्न 5 अंक का था। इस मामले को लेकर विवाद बढ़ गया है। वहीं इस मामले पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और डीन डॉक्टर राजेंद्र भारती ने कहा है कि यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की ओर से मंजूरी के बाद इस टॉपिक को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था।
एबीवीपी ने दर्द कराई शिकायत
बताया जा रहा है कि इस यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में गोदी मीडिया और शहरी नक्सलवाद जैसे विषयों को पिछले कुछ समय से लगातार पढ़ाया जा रहा है। झारखंड की इस यूनिवर्सिटी में चार साल के यूजी कोर्स के दौरान इस तरह की दिक्कत पहली बार आई है। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और एबीवीपी कोल्हान के संगठन सचिव प्रताप सिंह ने केयू रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज कराई है। यूनिवर्सिटी पर की ओर से इस बारे में कहा गाय है कि इस सवाल को अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों के द्वारा तैयार किया गया था।