यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के दौरान कई भारतीय नागरिक वहां पर फंसे हुए हैं। जिसमें से कुछ लोग भारत पहुंच भी गए हैं। ऐसे में यूक्रेन से लौटी उत्तराखंड की एक छात्रा ने सरकार पर आरोप लगाया कि इनके द्वारा मुंबई से देहरादून आने के लिए सरकार की ओर से कोई मदद नहीं हुई। इसको लेकर सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह की प्रतिक्रिया देने लगे।
दरअसल दैनिक जागरण न्यूज़ के अनुसार ऋषिकेश की रहने वाली आयुषी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। दूतावास के जरिए उन्हें रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचाया गया। उसके बाद वह भारत पहुंच गईं। इसके बाद उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि मुंबई से देहरादून आने के लिए सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं दी गई। उन्हें अपने खर्च पर मुंबई से देहरादून आना पड़ा।
सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रिया : पत्रकार अमन चोपड़ा ने इस खबर के स्क्रीनशॉट के साथ लिखा कि मतलब हद है। उन्होंने लड़की पर तंज कसते हुए कहा, ‘ देहरादून तक ही क्यों, सरकार को आपकी कॉलोनी के फलां मोहल्ले की फलां गली के घर तक आपका हाथ पकड़ कर छोड़ कर आना चाहिए था।’ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने कमेंट किया की यूक्रेन से भारत सुरक्षित ले आई सरकार लेकिन शिकायत ये है कि मुंबई से देहरादून क्यों नहीं पहुंचाया।
प्रभाकर नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं कि देहरादून एयरपोर्ट से घर तक के लिए सरकार को टैक्सी भी अरेंज करनी चाहिए थी। इनके घर पहुंचने के बाद सरकार द्वारा चाय और नाश्ते की व्यवस्था की जानी चाहिए। कैसे लोग हैं? धनंजय सिंह नाम के एक यूजर लिखते हैं – सही बात है, इनको 1 सप्ताह का राशन और उसके साथ आर्थिक सहायता भी मिलनी चाहिए थी।
नवनीत नाम के एक यूजर लिखते हैं कि ऐसे लोगों को उनकी गली तक भी छोड़ दिया जाए, तभी उनकी शिकायत रहेगी कि एक समय का भोजन नहीं कराया सरकार ने…। ऐसे लोग इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि यूक्रेन में अभी भी हमारे अपने कितने लोग फंसे हुए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र सोशल मीडिया के जरिए सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें यहां से भारत ले जाने की व्यवस्था की जाए।