गाजियाबाद के एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता का वीडियो वायरल हुआ था। बुजुर्ग की पिटाई के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा। जिसके बाद यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने  गाजियाबाद में ट्विटर सहित 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर दी है। ट्विटर पर फर्जी वीडियो के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है। यह खबर सामने आने के बाद ट्विटर पर लोगों ने रिएक्शन देना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने इस खबर का समर्थन किया तो वहीं कुछ लोगों ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।

एक यूजर ने योगी सरकार के इस एक्शन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि, ” टि्वटर इंडिया पर एफआईआर करके योगी सरकार ने केंद्र सरकार को बताया है कैसे इन फेक न्यूज़ पेडलर से निपटा जाना चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह जी चाहे तो कुछ सीखें है योगी जी से “।

विक्की मिस्ट्री नाम के यूजर ने लिखा कि अब इंतजार है कि कब यूपी पुलिस इन सब को “महिंद्रा” में बैठाकर कोर्ट तक लाती है। वहीं एक यूजर ने मस्ती भरे अंदाज़ में लिखा कि ट्विटर तेरे टुकड़े होंगे….। रमेश त्रिपाठी नाम के यूजर ने लिखा कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम कर नाक में तगड़ी नकेल भारत सरकार को डालनी होगी। कुछ छुटभैये भारतीय अपना जमीर इन पश्चिमी सोशल मीडिया के हाथों गिरवी रख चुके हैं। कानून का डंडा उनपर भी पड़े। पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा कि #Twitter पर भी FIR, यहाँ तो मोदी से पहले योगी हो गया।

एक यूट्यूबर ने इस कार्रवाई पर तंज करते हुए कहा कि, ” अगर आप कटहल की फ़ोटो डाल के ‘आपके तरफ़ इसे क्या कहते हैं’ वाला ट्वीट नहीं करते हैं तो ट्विटर छोड़ दीजिए। इससे पहले कि काम की बात कहने के आरोप में UAPA या NSA लग जाए, फटाफट कटहल सीरीज़ शुरू कर दीजिए। रोज़ कौन प्रॉपर्टी सीज़ कराये यार। FIR से डरो मितरों।

पत्रकार रणविजय सिंह ने भी इस कार्रवाई पर तंज कसते हुए कहा कि, “यार ये FIR का टंटा कौन पाले, अबसे लौकी, तरोई, खीरे की तस्वीर ट्वीट करूंगा। आप सब बताते रहना कि आपकी तरफ इन्हें क्या कहा जाता है। ठीक है? वहीं एक यूजर ने लिखा कि FIR का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश में आम दावत कर दिया गया है। आज से आम दावत के नाम से जाना जाए।