कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली में कई खिलाड़ी प्रदर्शन पर बैठे रहे। 28 मार्च को जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया तो वहीं कई खिलाड़ियों को पुलिस ने हिरासत में लिया और प्रदर्शन स्थल पर मौजूद सामान को भी हटा दिया। सोशल मीडिया पर पुलिस और खिलाड़ियों के बीच हुई झड़प की तस्वीरें वायरल हुईं।
पूर्व DGP एनसी अस्थाना का ट्वीट
पूर्व आईपीएस और केरल के पूर्व DGP एनसी अस्थाना ने खिलाड़ियों के बयान पर ट्वीट किया, “जरूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ा लिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमाॅर्टम टेबल पर!” (एनसी अस्थाना ने यह ट्वीट उस खबर की प्रतिक्रिया में कहा है जिसमें बजरंग पुनिया दिल्ली पुलिस द्वारा रोके जाने पर ‘गोली मार दो’ की बात कह रहे थे।
एक अन्य ट्वीट कर कहा- “औकात में रहें”
एक अन्य ट्वीट में एनसी अस्थाना ने लिखा, “कुछ मूर्खों को पुलिस के गोली मारने के अधिकार के विषय में शंका है। अंग्रेजी पढ़ सकते हो तो अखिलेश प्रसाद के केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ लें। जो अनपढ़ नहीं पढ़ सकते हैं उन्हें नेक सलाह है कि इस अधिकार की परीक्षा न लें। बेवजह बीवियां विधवा होंगी और बच्चे अनाथ! औक़ात में रहें।”
पूर्व आईपीएस के इस ट्वीट पर विवाद खड़ा हो गया है। कई खिलाड़ियों और यूजर्स ने एनसी अस्थाना को जवाब दिया है। बजरंग पुनिया ने लिखा, “ये IPS ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहां आना है गोली खाने? कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे। सीने पर खायेगे तेरी गोली। यही रह गया है अब हमारे साथ करना तो यह भी सही।”
पूर्व आईपीएस के ट्वीट पर कुमार विश्वास ने कहा है कि किसान-आंदोलन के समय बालकनी में कैक्टस उगाने वाले फेसबुक-क्रांतिकारी जब किसानों को गालियां दे रहे थे, तब भी कहा था, आज फिर कह रहा हूं- “आप किसी भी आंदोलन के मुद्दे से सहमत-असहमत हो सकते हैं किंतु दोनों पक्षों को कम से कम संवैधानिक मर्यादा व संवेदनशीलता तो रखनी ही होगी। ओछी-भाषा, अहंकार व हठधर्मिता आपको सुकून व वांछित कृपा तो दे सकते है किंतु भारत नामक समावेशी-विचार के विपरीत जाते है। ईश्वर सद्-बुद्धि दें और समय रहते न्याय करे।”