तेल के बढ़ते दाम को लेकर पूरे देश में विपक्ष हंगामा कर रहा है। सोशल मीडिया पर रोज सरकार को घेरने की नई तरकीब का इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि ‘रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण ही तेल के दाम बढ़ रहे हैं। सरकार ने काफी हद तक तेल की कीमतों को कंट्रोल करने की कोशिश कर चुकी है। युद्ध के कारण पूरी दुनिया में तेल के दाम पर असर पड़ रहा है।’

पूर्व आईएएस ने कसा तंज: पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने तंज कसते हुए ट्विटर पर लिखा कि “ऐसा शेर पाला है …पेट्रोल-डीजल पीता है। 135 पर भी रुक जाए तो बड़ी बात समझो।” वहीं एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “ताली, थाली बजाओ।” वहीं पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने लिखा “गुड मार्निंग….पेट्रोल डीजल तालीम किसे दोगे इस दौर में, यहां शागिर्द पहले ही उस्ताद बने बैठे हैं।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: संजीव यादव नाम के यूजर ने लिखा कि “कोई दिक्कत नहीं ₹200 पेट्रोल हो जाएगी, तब भी वोट मोदी जी को ही देंगे, शेर पाला है तो शेर पालने के लिए जिगरा चाहिए।” शिवकुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “बैलगाड़ी के भी अच्छे दिन आ जाने दीजिए सर, वैसे भी योगी जी सांड को फ्री कर दिए हैं। थोडी बहुत मेहनत के बाद काम लेने लायक हो जायेंगे। सारी समस्या ही खत्म हो जाएगी।”

सुभाष चतुर्वेदी नाम के यूजर ने लिखा कि “अगर पेट्रोल का नाम ‘राष्ट्रीय गौरव’ व डीजल का नाम ‘राष्ट्रीय सम्मान’ कर दिया जाए तो इनके दामों की रोज बढ़ोतरी भी अच्छी महसूस होगी।” चंदन शाही नाम के यूजर ने लिखा कि “ऐसा लग रहा है जैसे सरकार अपने घर में तेल निकलती है और अपने जनता को इतनी महंगी बेचती है।”

राजेंद्र नाम के यूजर ने लिखा कि “सब विपक्षी पार्टियां पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का विरोध कर रही हैं पर कोई भी पार्टी यह बताने को तैयार नहीं है कि इस बढ़ती आबादी, युक्रेन रूस की लड़ाई व कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए पेट्रोल के दाम कैसे कम किया जाए।” एक अन्य यूजर ने लिखा कि “तुम्हे क्या पेट्रोल बॉम्ब बनाने हैं, गाड़ी में 10,15 लीटर पेट्रोल की आवश्यकता होती है। 10,15 लीटर पेट्रोल पर 40 से 60 रूपये बढ़ गए तो अपनी छाती ऐसे कूट रहे हैं जैसे इनकी जायदाद लुट गई हो।”

बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर ट्वीट करते हुए पेट्रोल के बढ़ते दाम पर सरकार पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “प्रधानमंत्री की Daily To-Do List, 1- पेट्रोल-डीजल-गैस का रेट कितना बढाऊं 2- लोगों की ‘खर्चे पे चर्चा’ कैसे रुकवाऊं 3. युवा को रोजगार के खोखले सपने कैसे दिखाऊं 4. आज किस सरकारी कंपनी को बेचूं 5. किसानों को और लाचार कैसे करूं”