प्राणायाम योग का एक भाग है, जिसे करने से शरीर की कई तरह की बीमारियां दूर होने का दावा किया जाता है। प्राणायाम मूलत: संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ सांसों पर नियंत्रण होता है। लगभग सभी भारतीयों को प्राणायाम के बारे में जानकारी होती है। कहा जाता है कि सुबह में योग के आसनों के बाद हर व्यक्ति को प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। इसके अभ्यास से सर्दी, जुकाम, अस्थमा, कफ संबंधी विकार से राहत, गुस्सा, बैचैनी, तनाव और एसिडिटी से छुटकारा सहित कई लाभ मिलते हैं। यह भारतीयों के लिए आम बात है, लेकिन एक विदेशी मैगजीन ने ‘प्राणायाम’ को नया नाम ‘कार्डियक कोहेरेंस ब्रीदिंग’ दे इसके लाभ के बारे में समझाया। इसके बाद भारतीयों ने विदेशी मैगजीन की क्लास लगा दी।

भारतीयों ने लिखा कि यह योग है, कोई वैज्ञानिक खोज नहीं। एक यूजर ने लिखा, “शुरूआत में वे हमें क्रेडिट देते हैं। इसके बाद वे पेटेंट करा लेते हैं और फिर 20-30 साल बाद वे इसे अपना बताने लगते हैं।”


एक अन्य यूजर ने लिखा, “ये ‘कार्डियक कोहेरेंस ब्रीदिंग’ नहीं है। इसे प्राणायाम कहा जाता है। भारत में यह लंबे समय से किया जाता रहा है। हिंदुओं का आइडिया चुरा उसका नाम बदलना छोड़ो।”


कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी मैगजीन के इस ट्वीट पर रिट्वीट किया है और लिखा, “भारत के 2500 साल पुराने प्राणायाम को 21वीं सदी में ‘कार्डियक कोहेरेंस ब्रीदिंग’ नाम से बताया जा रहा है। पश्चिम को हमारी पुरानी परंपरा को सीखने में सदियों लग गए। लेकिन, हम उनका स्वागत करते हैं।”