बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा केस में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार यानी 1 जुलाई को उन पर सख्त टिप्पणी की। उनके द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया कि उनके भड़काऊ बयान ने पूरे देश में सांप्रदायिकता बढ़ाई है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया यूजर्स में कमेंट करते नजर आ रहे हैं।

पूर्व आईएएस ने कही यह बात : रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपनी सोशल मीडिया हैंडल के जरिए कमेंट किया कि एक महिला फ्रिंज ही नहीं, शीर्ष पर बैठे जिम्मेदार मर्द भी माफी मांगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि सरकारी राहत तो पहले से ही मिली हुई है, सुप्रीम कोर्ट से पक्का रिलीफ चाहिए था। फटकार तो मिली चाहे, ऐसे ही सही।

यूजर्स के जवाब : सुरभि नाम की एक यूजर सवाल करती है कि क्या माफी मांगने से सब कुछ ठीक हो जाएगा? अली नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया – नूपुर शर्मा सिर्फ एक प्यादा हैं, ऐसे सैकड़ों लोग हैं जिन्होंने मुस्लिम के खिलाफ गलत बयान दिए हैं। उन पर सुप्रीम कोर्ट कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं करती है? अंकित यादव नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं, ‘ सबसे पहले वह लोग माफी मांगे जो देवी देवताओं के नाम पर मनहूस बातें करते हैं और उनका मजाक उड़ाते हैं।’

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी : सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को उनके खिलाफ दर्ज सभी FIR को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए राहत देने से मना कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया कि उन्हें टीवी पर जाकर देश से माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर भी फटकार लगाते हुए कहा कि एक शिकायत पर व्यक्ति को गिरफ्तार किया लिया जाता है लेकिन इतनी FIR के बावजूद भी नूपुर शर्मा पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

टीवी डिबेट को लेकर हुआ था बवाल : ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर एक टीवी चैनल पर हो रही लाइव डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए मोहम्मद पैगंबर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस बयान के बाद पूरे देश में कई तरह की हिंसा हुई। देशभर में भड़की हिंसा के बाद नूपुर शर्मा ने माफी मांगते हुए कहा था कि उनका उद्देश्य किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं था।