रिटायर्ड IAS और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के आवास पर ईडी ने छापा मारा है। रेड में नोटों की गड्डियां, सोना और हीरा बरामद किया गया है। इसके बाद से ही इस खबर की चर्चा सोशल मीडिया पर जोर-शोर से हो रही है। इतनी मात्रा में हीरा, सोना और नोटों की गड्डियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इस पर यूजर्स हैरानी जता रहे हैं। हालांकि जनसत्ता इन वायरल तस्वीरों की पुष्टि नहीं करता है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, रिटायर्ड IAS के आवास पर जब ईडी ने छापा मारा तो अधिकारियों की आंखें भी फटी की फटी रह गईं। असल में ईडी ने पूर्व आईएएस अधिकारी और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह से जुड़े कई परिसरों पर तलाशी ली है। रिटायर्ड पर 9000 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले के खिलाफ जांच चल रही है।

यह घोटाला मायावती सरकार के समय में हुआ था। कथित तौर पर भूमि आवंटन का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया गया था। चंडीगढ़, नोएडा और दिल्ली में चलाए गए अभियानों में पुलिस ने 1 करोड़ रुपये नकद और 12 करोड़ रुपये के हीरे के सहित 7 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया है। बता दें कि सिंह पर आम्रपाली और सुपरटेक सहित कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की मदद करने का आरोप है।

मनमाने ढंग से जमीन खरीदने का आरोप

इस योजना पर आरोप लगाया गया था कि इससे डेवलपर्स को औने-पौने दाम पर जमीन खरीदने में मदद मिली, जिससे राज्य के खजाने को काफी नुकसान हुआ। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने बताया है कि नोएडा प्राधिकरण ने 2005 और 2018 के बीच बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की और अधिकारियों सहित बिल्डर्स के बीच मिलीभगत का सबूत दिया, जिससे सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

सीएजी रिपोर्ट से पता चला कि कई जमीनें उचित बोली प्रणाली का पालन किए बिना बेचे गए थे। कई मामलों में प्राधिकरण के मनमाने फैसलों से डेवलपर्स का पक्ष लिया गया था। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि इस अवधि के दौरान लगभग 80% वाणिज्यिक भूखंड आवंटन केवल तीन फर्मों द्वारा सुरक्षित किए गए थे।

जांच के साथ-साथ ईडी सिंह से जुड़ी अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संपत्तियों पर भी नजर रख रही है। इस घोटाले के प्रभाव से इन संस्थानों के भीतर सरकार पर सवाल उठने लगे हैं और ऐसी प्रक्रियाओं में शामिल अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार को कम करने के लिए उपायों को बढ़ाने की जरूरत है।