दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर (Drishti IAS Coaching Center) के संस्थापक और डायरेक्टर डॉ विकास दिव्यकीर्ति (Dr. Vikas Divyakirti) अक्सर ही सोशल मीडिया की सुर्खियों में छाए रहते हैं। कभी वह अपने अलग अंदाज को लेकर मशहूर हो जाते हैं तो कभी उनके मोटिवेशनल वीडियो (Vikas Divyakirti Motivational Video) सोशल मीडिया पर वायरल (Social Media Viral Video) हो जाते हैं। वहीं, कभी किसी मुद्दे को लेकर वह सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर भी आ जाते हैं। उनको कुछ लोग एंटी ब्राह्मण भी कहते हैं।
क्या एंटी ब्राह्मण हैं विकास दिव्यकीर्ति?
विकास दिव्यकीर्ति ‘द – लल्लनटॉप’ डिजिटल चैनल को हाल में ही दिए गए एक इंटरव्यू में एंटी ब्राह्मण को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दिया था। इंटरव्यू के दौरान विकास दिव्यकीर्ति से रिपोर्टर द्वारा सवाल किया गया था, “आपके कुछ वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर कहा जाता है कि आप एंटी ब्राह्मण हैं?”
दृष्टि आईएएस के फाउंडर ने एंटी ब्राह्मण के सवाल पर दिया था ऐसा जवाब
एंटी ब्राह्मण के विषय पर पूछे गए सवाल के जवाब में विकास दिव्यकीर्ति ने कहा था कि वह एंटी – ब्राह्मण नहीं हैं बल्कि एंटी – कास्ट हैं। उन्होंने आगे बताया था, “विचारधारा के आधार पर एक ब्राह्मणवाद शब्द चलाया जाता है, जिसका मतलब है कि जाति व्यवस्था का समर्थन करना । मैं हमेशा से कहता हूं कि मैं जाति व्यवस्था का घोर विरोधी हूं। मेरा जन्म एक आर्य समाज परिवार में हुआ है और वहां पर जाति व्यवस्था को नहीं माना जाता है।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और वहां भी जाति व्यवस्था का विरोध किया। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि जाति व्यवस्था किसी समय में उपयोगी व्यवस्था रही हो लेकिन आज के समय में यह व्यवस्था खत्म हो जानी चाहिए। उन्होंने अपने वायरल वीडियो पर कहा था, “आरक्षण पर दिए गए मेरे कुछ लेक्चर वायरल होते रहते हैं, मैं खुलकर कहता हूं कि मैं आरक्षण का समर्थक हूं।”
मुझे ब्राह्मणों से नहीं है कोई आपत्ति – विकास दिव्यकीर्ति
उन्होंने बताया कि जब वह कक्षा में पढ़ाते हैं तो जिस विषय पर चर्चा करते हैं, उस समय की बात को बताते हैं। उसी दौरान की क्लिप काटकर सोशल मीडिया पर एक एजेंडा की तरह प्रयोग की जाती है। छोटी सी क्लिप देखकर ही लोग मुझे ब्राह्मण विरोधी बताने लगते हूं। मुझे ब्राह्मणों से क्यों कोई आपत्ति होगी? इसके साथ उन्होंने कहा था कि मेरी आपत्ति केवल इतनी है कि जन्म के आधार पर लोगों को पुरोहित क्यों बना दिया जाता है?