केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार के बीच केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वास्थ्य मंत्री के अलावा रमेश पोखरियाल निशंक और संतोष गंगवार ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। जिन मंत्रियों ने पद से इस्तीफा दिया है उनमें सदानंद गौड़ा, रविशंकर प्रसाद, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, संतोष कुमार गंगवार, बाबुल सुप्रियो, संजय धोत्रे ,रतन लाल कटारिया, प्रताप चंद सारंगी, देबाश्री चौधरी का नाम शामिल है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के इस्तीफे पर सोशल मीडिया लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
इस खबर पर कुछ लोग हर्षवर्धन के इस्तीफे का कारण बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनकी जगह बाबा रामदेव को मंत्रालय सौंपने की सलाह दे रहे हैं। एंकर श्रेया बहुगुणा ने लिखा की हर्षवर्धन ने भी दिया इस्तीफा, बाबा रामदेव को मिलेगा जिम्मा या…। एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने इस खबर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘कोरोना की पहली और दूसरी लहर पर क़ामयाबी से क़ाबू पाया तो फिर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन जी को क्यों हटाया? वे तो राहुल गांधी को भी बहुत अच्छ से ट्रोल कर रहे थे। अपने विभाग के अलावा दूसरे विषयों पर भी बोल लेते थे। क्या पता उनके लिए कोई उंचा जगह सोच कर रखी हो।’
स्वतंत्र पत्रकार रणविजय सिंह ने अपनी बात रखते हुए ट्वीट किया कि लोग कह रहे हैं डॉ. हर्षवर्धन कोरोना को मैनेज न कर सके इसलिए हटाए गए हैं. सूत्रों के अनुसार ये बात गलत है। कोरोना के लिए तो PM जिम्मेदार हैं। डॉ. हर्षवर्धन तो ‘ट्रोल राहुल मंत्रालय’ का काम ठीक से नहीं कर पाए।
@singhking0001 टि्वटर हैंडल से डॉक्टर हर्षवर्धन के बारे में लिखा गया कि, ‘कोविड काल का सारा मिसमैनेजमेंट प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुआ, बड़े फैसले कैबिनेट की बैठकों के बिना हुए और नप गए बेचारे हर्षवर्धन। बहुत नाइंसाफी है।’
इस खबर पर प्रतिक्रिया देने में कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा भी पीछे नहीं रही। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि सुना है स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन जी की ऑक्सीजन छीन ली गई है। पत्रकार अभिसार शर्मा ने लिखा कि स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री का इस्तीफा ये बताता है के मोदी सरकार की शिक्षा फेल। उनकी स्वास्थ्य व्यवस्था फेल। यानी के एक भारतीय परिवार के प्रति सरकार की जो बुनियादी ज़िम्मेदारी होती है, उसमें ये सरकार पूरी तरह नाकाम। बाकी सब “spinning” बकवास है। एक टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया कि इस्तीफा देने वाले और हटाए गए केंद्रीय मंत्रियों का झुंड ही मोदी सरकार का नया अघोषित गुप्त ट्रोल मंत्रालय है। ये लोग अपना ध्यान अच्छे से केवल विरोधियों की ट्रोलिंग पर ही लगा पाएं इसलिए उन्हें आलतू फालतू के पदभार से मुक्त किया गया है।