उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok sabha Seat) पर उपचुनाव होने वाला है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने इस सीट से डिंपल यादव (Dimple yadav) को अपना उम्मीदवार बनाया है। 14 नवंबर को डिंपल यादव ने अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने से पहले से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और डिंपल यादव, मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के अस्थियों को नमन करने पहुंचे, जिसकी तस्वीरें खुद अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की हैं।
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने डिंपल यादव के साथ मुलायम सिंह यादव को नमन करने पहुंचे, तस्वीरों को शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा कि मैनपुरी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में दरअसल नेताजी की समाजवादी आस्थाओं का ही नामांकन हो रहा है। जिस प्रकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों और जनमानस ने सैफई आकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी है, उसका सच्चा परिणाम ये होगा कि सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर लोग अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @RaviMaharshi_1 यूजर ने लिखा कि सिर्फ ट्वीट करने से कोई चुनाव नहीं जीत जाता, प्रचार के लिए AC कमरे से बाहर निकलना पड़ता है। @Rajnish85273854 यूजर ने लिखा कि श्रद्धांजलि हर कोई देता है, इसका ये मतलब नहीं कि वोट भी मिलेगा। कर्म कीजिए फल की चिंता मत करिए क्योंकि जीतेगी तो बीजेपी ही।
@PrakharGuruji यूजर ने लिखा कि कैसा समाजवाद है जहां खाली हुई सीट के लिए भी पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं मिला, परिवार ही चाहिए। शुद्ध परिवारवाद है ये ,समाजवाद के नाम पर झूठ फैला रहे हैं। @SanjayS98938848 यूजर ने लिखा कि इसका मतलब मैनपुरी में भी अपने ऊपर भरोसा नहीं है, यहां भी जीतने के लिए नेता मुलायम सिंह के नाम और उनके नाम सहानुभूति से चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हो, क्या हाल हो गया है?
डिंपल यादव के नामांकन (Nomination of Dimple Yadav) के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अभी नेताजी की यादें ताजा हैं इसलिए अच्छा है कि जल्दी चुनाव हो रहा है। मैनपुरी में नेता जी के विकास को याद दिलाते हुए अखिलेश यादव ने लोगों से डिंपल को जिताने की अपील की। वहीं डिंपल यादव (Dimple Yadav, Mainpuri) बेहद शांत नजर आईं। उन्होंने बस इतना कहा कि नेताजी का आशीर्वाद हमारे साथ है। नामांकन करने से पहले डिंपल यादव ने प्रो. रामगोपाल यादव (Prof. Ramgopal Yadav) का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।