मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में ‘जेनोसाइड म्यूजियम’ यानी नरसंहार से जुड़ा संग्रहालय और कला केंद्र बनाने का ऐलान किया। इसका सुझाव ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने दिया था। अब इसके लिए सरकार द्वारा जमीन मुहैया कराई जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले पर अब दिग्विजय सिंह भड़क गए हैं।
दिग्विजय सिंह ने किया विरोध: दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि “मैं पूरी तरह से भोपाल में नरसंहार संग्रहालय (Genocide Museum) बनने के खिलाफ हूं। भोपाल के सांप्रदायिक सद्भाव को नहीं बिगड़ने देंगे। मैं इसका विरोध करता हूं।” दिग्विजय सिंह ने पत्रकार नितेंद्र शर्मा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अपनी बात कही थी। पत्रकार नितेंद्र शर्मा ने लिखा था कि “भोपाल की पहचान भारत भवन, ट्राइबल म्यूज़ियम, तालाबों से है। यह गंगा जमुनी तहज़ीब वाला शहर है।हमें नरसंहार संग्रहालय (genocide museum) नहीं चाहिये।”
सुरेश चव्हाणके ने कसा तंज: दिग्विजय सिंह के इस बयान पर पत्रकार सुरेश चव्हाणके ने ट्विटर पर लिखा कि यह “सद्भाव” भोपाल के कौनसे गली / कूचे में रहता है बताएँगे ? मैं उसे मिलना चाहता हूं। इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर लोग भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। निम्बा राय नाम के यूजर ने लिखा कि “हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं तब तुम्हें सांप्रदायिकता क्यों याद नहीं आती है लेकिन genocide म्यूजियम पर संप्रदायिक एवं धर्मनिरपेक्षता की छाती पीटने लग जाते हो। बंगाल में क्या हो रहा है? अभी तक किसी बड़े विपक्षी को नहीं दिखा। कब आंखें खुलेंगी कांग्रेस की।”
लोगों की प्रतिक्रियाएं: शुभम नाम के यूजर ने सुरेश चव्हाणके को जवाब देते हुए लिखा कि “क्यों, सौहार्द्य बिगाड़ने का प्रोग्राम बनाओगे क्या।” एसजी जोशी नाम के यूजर ने लिखा कि “अब इन जैसे लोगों को जनता कोई भाव नहीं देती है, ना इनका और ना ही इनके विरोध का कोई महत्व है, अपने कमरे में बैठकर कुछ भी बोलते रहो।” अमरनाथ नाम के यूजर ने लिखा कि “कांग्रेस की यही नीति है, जब कोई हिन्दू, सिख नरसंहार की बात उठाएगा तो देश की सद्भावना बिगाड़ने का आरोप लगा देंगे।”
धर्मेंद्र नाम के यूजर ने लिखा कि “ये तो कुछ ना ही बोलें तो ही ठीक है। क्योंकि ये ऐसे नेता हैं जो जब भी मुंह खोलेंगे तो केवल बकवास ही करेंगे।” मुरलीधर नाम के यूजर ने लिखा कि “दिग्विजय सिंह जी, चलो भोपाल गैस त्रासदी पर फिल्म बनाते हैं और अंडरसन को कैसे सुरक्षित देश से बाहर जाने दिया गया, वह भी दिखाते हैं। जिन्होंने उस समय अपनो को खोया है, वे सब आज भी न्याय की प्रतिक्षा में है।”
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के बीच मुलाकात हुई थी। इसके बाद शुक्रवार को सीएम ने भोपाल में एक कार्यक्रम में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को विस्थापित कश्मीरी पंडितों के दर्द और पीड़ा को दर्शाने वाली फिल्म बताया था।