द्रौपदी मुर्मू ने आज यानी कि 25 जुलाई को देश की 15 वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। संसद के केंद्रीय कक्ष में चीफ जस्टिस एनवी रमण ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए शपथ दिलवाई है। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला होंगी जो कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनी गयी हैं। वैसे दिल्ली में  स्थित राष्ट्रपति भवन को तो सभी जानते हैं। लकिन क्या आप जानते हैं दिल्ली के अलावा भी देश में 2 ओर राष्ट्रपति भवन हैं जहां अक्सर राष्ट्रपति का आना -जाना लगा रहता है।आइए जानते हैं उन 2 शहरों के बारे में जहां ये राष्ट्रपति भवन मौजूद हैं।  

राष्ट्रपति निलयम:  दिल्ली के अलावा हैदराबाद के सिकंदराबाद शहर में राष्ट्रपति निलयम नाम से एक भवन बना हुआ है। दरअसल तेलुगु भाषा में  निलयम का अर्थ आवास होता है। यानी कि राष्ट्रपति निलयम का पूरा अर्थ राष्ट्रपति आवास है। बता दें कि राष्ट्रपति निलयम का निर्माण सन 1860 में निजाम नजीर उद-दौला के द्वारा कराया गया था। इसके अलावा देश के राष्ट्रपति हर साल अक्सर सर्दियों के मौसम में कम से कम 1 सप्ताह के लिए यहां जरूर रुकते हैं और अपना सारा काम इसी आवास में रुककर करते हैं।

अगर इस आवास की खासियत की बात की जाए तो यह एक बहुत ही सुंदर और भव्य आवास है। जो कि लगभग 3.60 लाख स्क्वायर मीटर में बना हुआ है। इसके अलावा इस आवास में  11 कमरे बने हुए हैं और खास बात यह है कि रसोई और डाइनिंग हाल दूसरी बिल्डिंग में बने हुए हैं, जहां तक पहुंचने के लिए अलग से एक सुरंग बनी हुई है।  

रिट्रीट बिल्डिंग : शिमला शहर के मशोबरा पहाड़ी पर एक और राष्ट्रपति आवास बना हुआ है, जिसका नाम रिट्रीट बिल्डिंग है। प्रकृति की सुंदरता में लिप्त यह राष्ट्रपति भवन बेहद खूबसूरत है। बता दें कि इस भवन का निर्माण लॉर्ड डलहौजी ने 18वीं  सदी में कराया था।देश के राष्ट्रपति साल में एक बार अक्सर गर्मियों के समय में कुछ दिन इस आवास में रहने के लिए जरूर आते हैं।

इसके साथ ही राष्ट्रपति के अलावा उनके साथ रुकने वाले स्टाफ का भी यहां पूरी तरह इंतजाम किया हुआ है। अगर इस आवास के एरिया की बात करें तो यह भव्य और प्रकृति की सुंदरता के बीचों -बीच बना यह भवन 10,628 वर्ग फुट एरिया में फैला हुआ है।