ब्लैक मनी को कंट्रोल करने के लिए नोटबंदी के बाद अब बैंकों में लगी भारी भीड़ और अफरातफरी से निपटने के लिए सरकार ने एक नया तरीका निकाला है। इस नए नियम के तहत नोट बदलने वालों के उंगली पर स्याही लगाई जाएगी। इससे एक ही व्यक्ति बार-बार नोट बदलवाने के लिए लाइन में नहीं लग सकेगा और भीड़ से निपटने में मदद मिलेगी। आर्थिक मामलों के सचिव शाक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि हमें जानकारी मिली है कि बैंकों और एटीएम में लंबी लाइनें लग रही हैं। बैंकों में भीड़ की एक बड़ी वजह है, एक ही शख्स का बार-बार बैंक जाकर नोट एक्सचेंज कराना है। बैंकों में भीड़ कम करने के लिए नोट बदलने पर स्याही का निशान लगाया जाएगा। इससे बैंकों में लग रही भीड़ को रोकाने में मदद मिलने की उम्मीद है।

मोदी सरकार के इस फैसले का बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि बैंकों से रुपये निकालने वाले लोगों की उंगलियों पर न मिटने वाली स्याही लगाने का मतलब है कि सरकार आम आदमी पर विश्वास नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा, ‘‘ अमिट स्याही के साथ शुरू किया गया यह ‘काला तंत्र’ सरकार का हताशा भरा कदम है, जो दिखाता है कि यह सरकार आम लोगों पर विश्वास नहीं करती है।

ममता बनर्जी ने इससे पहले नोट बंद किए जाने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधा था। इस ‘काले’ राजनीतिक निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह आम आदमी के खिलाफ है। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘इस ‘काले’ राजनीतिक निर्णय को वापस लें जो आम आदमी के खिलाफ है। पूरे भारत के बाजार बर्बाद हो गए, खरीदने की क्षमता खत्म हो गई, लोग दुखी हैं।’

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नंवबर को देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों को रात्रि 12 बजे के बाद से बंद करने का ऐलान किया था। साथ ही जनता को नोट बदलने के लिए 50 दिन का समय दिया था। पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा था कि इस दौरान लोगों को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन यह फैसला भविष्य में अच्छा साबित होगा। मंगलवार को पीएम मोदी की मां भी नोट एक्सचेंज करवाने के लिए बैंक पहुंची।