एनआरसी मुद्दे पर एक टेलिवजन चैनल पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अमित शाह एनआरसी के बहाने देश को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं। जी ग्रुप के चैनल जी हिन्दुस्तान बहस की शुरुआत करते हुए सुरेंद्र राजपूत ने एंकर के बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि एंकर का ये कहना कि कांग्रेस एनआरसी का विरोध कर रही है गलत है। सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम अकॉर्ड किया और 2015 में कांग्रेस के तत्कालीन सीएम तरुण गोगोई ने एनआरसी रजिस्टर बनवाना शुरू किया, इसकी शुरुआत किसी भाजपा वाले ने नहीं की थी। सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि एनआरसी के ड्राफ्ट में जगह ना पाने वाले 40 लाख लोगों में से साढ़े चौदह लाख गैर मुस्लिम हैं, उनका क्या होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में दिया गया राजनाथ सिंह का बयान प्रशंसनीय है, लेकिन अमित शाह जो राजनीति कर रहे हैं, वो देश को दंगों की आग में ले जाना चाहते हैं। सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “अमित शाह जो इस मुद्दे पर राजनीति करना चाहते हैं, ये देश को कहीं ना कहीं दंगे की आग में झोंकना चाहते हैं, एनआरसी की दिक्कत है, अमित शाह राजनीति करने कलकत्ता में जा रहे हैं।” कांग्रेस प्रवक्ता के साथ एंकर की भी चर्चा के दौरान तीखी बहस हुई। कांग्रेस प्रवक्ता ने एंकर पर अप्रत्यक्ष रुप से पक्षपात का आरोप लगाया। सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि आप देश के बड़े एंकर हैं, लेकिन किसी के समर्थक हैं तो अच्छी बात है। इसके बाद बहस में बीजेपी सांसद गोपाल नारायण अपनी बात रख रहे थे।
गोपाल नारायण ने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति करती हैं, इसलिए आज ये हालत आ गई है कि उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो गई है। गोपाल नारायण ने कहा, “जब से राजीव गांधी का अकॉर्ड हुआ तब से पांच छह बार कांग्रेस की सरकार बनी…लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दखल देने के बाद बीजेपी की सरकार ने NRC काम किया, तो उनको लगने लगा…” अभी गोपाल नारायण अपनी बात ही पूरी करते कि कांग्रेस प्रवक्ता भड़क उठे, उन्होंने कहा, “थेथरई कर रहे हैं भाई…ये झूठ बोल रहे हैं गोपाल नारायण सिंह…गोपाल नारायण सिंह झूठे हैं…गोपाल नारायण सिंह झूठ बोल रहे हैं। इस दौरान एंकर ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता नहीं माने, उन्होंने एक बार फिर से गोपाल नारायण सिंह के लिए ‘थेथर’ शब्द का इस्तेमाल किया।

