उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली। अदिति लंबे वक्त से कांग्रेस के विरोध में बयान देती नजर आती थीं, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समर्थन करती थीं। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत चैनल से बात करते हुए बताया कि कांग्रेस में पहले की अपेक्षा अब कितना बदलाव हो गया है।

इस बातचीत के दौरान एंकर ने पूछा – आपका परिवार कांग्रेसी परिवार रहा है। एक समय यूपी में कांग्रेस का एकाधिकार माना जाता था। उस समय और इस समय में क्या परिवर्तन आपको देखने को मिला है? इस सवाल पर अदिति ने कहा – इस सवाल के जरिए मुझे अपने पिताजी को याद करने का एक मौका मिल रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे दादा साहब धुन्नी सिंह कांग्रेस परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे।

उन्होंने कांग्रेस के बदलाव को लेकर कहा – मुझे जो अपने बाप – दादा की बातों से पता चला है, वह ये है कि उस समय शीर्ष नेतृत्व स्थानीय स्तर पर एक-एक कार्यकर्ता से जुड़ा हुआ था लेकिन आज की तारीख में जो शीर्ष नेतृत्व है, जमीनी हकीकत से बिल्कुल भी रूबरू नहीं है। यह उस समय की कांग्रेस और इस समय कि कांग्रेस में सबसे बड़ा अंतर है।

अदिति ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा कि रायबरेली और अमेठी के बारे में कांग्रेस के बड़े नेताओं को एक-एक बात की जानकारी होती थी। गांव के कार्यकर्ता का नाम नेताओं के जुबान पर रटा होता था। अगर आज रायबरेली के 5 गांव के नाम पूछे जाए तो यह लोग नहीं बता पाएंगे। रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं फिर भी कोई इस शहर की सुध नहीं लेता? इस सवाल पर अदिति ने कहा – जिस तरह से अमेठी और रायबरेली इनके गढ़ माने जाते हैं, वहां पर भी इन्होंने कोई काम नहीं किया है।

कांग्रेस का नेतृत्व कौन कर रहा है? इस सवाल पर अदिति ने कहा कि मैं किसी एक पर इसका ठीकरा नहीं फोड़ दूंगी लेकिन सोनिया, प्रियंका और राहुल तीनों की जिम्मेदारी बनती है। एंकर ने पूछा – आपने एक ऐसी पार्टी ज्वाइन की है जिसे महिला विरोधी कहा जाता है। क्या आपको कांग्रेस छोड़ने पर लगा कि आपके व्यक्तिगत रिश्ते भी खराब हो रहे हैं? इस सवाल पर अदिति कहती हैं कि कई स्तर पर मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर दुख हुआ है। मैंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए यह सबसे अच्छा फैसला लिया है।