चीन ने एक नया नक्शा जारी कर भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया है। नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन को चीन ने अपना हिस्सा दिखाया है। इतना ही नहीं, चीन के अपने नए नक्शे में दक्षिणी चीन सागर, ताइवान को भी अपना हिस्सा बताया गया है। नए नक्शे को ग्लोबल टाइम्स द्वारा शेयर किया है, जिस पर सुब्रमण्यम स्वामी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।
क्या बोले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी?
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया है, “मोदी से कहें: “यदि आप “मजबूरी” के कारण भारत माता की अखंडता की रक्षा नहीं कर सकते हैं और आप स्वीकार नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम आप हट जाएं और रिटायर होकर मार्गदर्शन मंडल में शामिल हो सकते हैं। झूठ से हिंदुस्तान की रक्षा नहीं हो सकती. भारत एक और नेहरू बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
अनूप पाण्डेय नाम के यूजर ने स्वामी के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, ‘आपने जो लिखा सही लिखा है लेकिन यहां नेहरू का नाम बैलेंस करने के लिए लिया है। भारत की आज की स्थिति की तुलना में नेहरू के भारत की स्थिति अलग थी। इसके बावजूद नेहरू युद्ध करने से नहीं डरे थे। अब तो विदेश मंत्री ही कह रहे हैं की चीन बड़ी आर्थिक सैन्य शक्ति है, झगड़ा नहीं कर सकते हैं।’ एक अन्य ने लिखा, ‘सिर्फ नक्शे में दिखाने का मतलब ये नहीं कि भारत ने उसे स्वीकार कर लिया है, वैसे आप कब रिटायर हो रहे हैं?’
अन्य लोगों की प्रतिक्रियाएं
शेखर दीक्षित नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘मोदी जी झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं और चीन एक के बाद एक नक़्शे पेश करता जा रहा और अब नए नक़्शे में अरुणाचल प्रदेश को अपना बताया है। मोदी जी देश से सच छुपाकर लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का काम नहीं कर रहे हैं?’ एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘भारत को भी नया नक्शा जारी करना चाहिए और तिब्बत को भारत के नक्शे में दिखाना चाहिए।’ अहमद खान नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘दिखाइए लाल आंख और छप्पन इंची सीना, जो यूक्रेन-रूस की लड़ाई रुकवा सकता है, वो चीन को सबक क्यों नहीं सिखा सकता?’
बता दें कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इस नक़्शे को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, ”चीन का 2023 का स्टैंडर्ड मैप सोमवार को जारी हुआ है। ये मैप प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट पर लॉन्च किया गया है। ये नक़्शा चीन और दुनिया के दूसरे देशों के ड्रॉइंग मैथड के आधार पर बनाया गया है।”
बता दें कि यह विवादित नक्शा ऐसे वक्त में जारी हुआ जब हाल ही ब्रिक्स सम्मलेन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति सी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी।
