Shocking Viral Video: सोशल मीडिया का नशा लोगों पर इस कदर चढ़ा है कि वो जान की परवाह किए बिना बस कुछ लाइक और व्यूज के लिए कंटेंट बनाने निकल पड़ते हैं। सोशल मीडिया पर तारीफ मिल जाए इस बात की भूख ने लोगों को अंधा बना दिया है। वो कुछ भी करके बस सोशल मीडिया पर ‘कूल’ दिखना चाहते हैं, चाहे उसकी कीमत जान ही क्यों ना हो। कंटेंट बनाने के चक्कर में जान जाने की कई घटनाएं अब तक सामने आ चुकी हैं।
ऊपर से धड़धड़ाती हुई रेल गुजर गई
हालांकि, तब भी लोग ऐसी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। सोशल मीडिया पर इनदिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बच्चा रील के लिए जान जोखिम में डालता दिख रहा है। वीडियो में दिखाया गया है कि बच्चा रेल की पटरियों पर सो गया है और उसके ऊपर से धड़धड़ाती हुई रेल गुजर गई है।
वीडियो जिसे माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर telugu Scribe नाम के हैंडल से शेयर किया गया है में दिखाया गया है कि एक बच्चा रेल की पटरियों पर सोया हुआ है और रेल आने का इंतजार कर रहा है। जबकि अन्य बच्चे उसका वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं।
वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ ही पल बाद ट्रेन आती है और बड़ी तेजी से पटरी पर सोए बच्चे के ऊपर से गुजर जाती है। इस दौरान वीडियो रिकॉर्ड कर रहे बच्चों को बैकग्राउंड में शोर मचाते हुए सुना जा सकता है। वो हौसला अफजाई के लिए नारे लगाते सुने जा सकते हैं।
यहां देखें वायरल वीडियो –
वीडियो ओडिशा के बौध जिले का बताया जा रहा है। यहां के पुरुनापानी में रील बनाने का दीवाना एक लड़का रेल की पटरियों पर लेटा गया और ट्रेन उसके ऊपर से गुजर गई। उसके दोस्तों ने इसे अपने फोन पर रिकॉर्ड कर लिया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने तीन नाबालिगों को हिरासत में ले लिया है और वे जांच कर रहे हैं। हालांकि, जनसत्ता ऐसे किसी दावों की पुष्टि नहीं कर सका।
दीवानगी को लेकर चिंता व्यक्त की
वायरल हो रहे वीडियो के कमेंट सेक्शन में यूजर्स युवाओं और बच्चों में रील के प्रति दीवानगी को लेकर चिंता व्यक्त करते नजर आए। संभावित खतरों को दरकिनार करते हुए केवल रील के लिए कुछ भी करने के बढ़ते क्रेज को उन्होंने चिंताजनक बताया।
वीडियो पर टिप्पणी करते हुए एक यूजर ने लिखा, “रील के नाम पर आज के युवा अपनी ही जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। युवाओं में बदलाव की जरूरत है। मैं चाहता हूं कि सरकारें, माता-पिता और हमारे आस-पास के लोग इस दिशा में कदम उठाएं।” एक अन्य यूजर ने कहा, “ये रीलें परेशान करने वाली हैं और बच्चों को आदी बना रही हैं। वे बस बेड से चिपके रहना पसंद करते हैं… वे किसी भी चीज़ के बारे में सोचने की स्थिति में भी नहीं हैं।”