उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में किसी भी तरह की कमी नहीं रहने देना चाहते हैं। ऐसे में पार्टियां अपने सियासी गठजोड़ को मजबूत करने के लिए मैदान में उतर गई हैं। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी यूपी की सत्ता में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। आजाद अपनी पार्टी की तैयारियों को लेकर कई मीडिया चैनलों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं।

एबीपी न्यूज़ से हाल में हुए एक इंटरव्यू के दौरान आजाद ने राम मंदिर को लेकर अपनी पार्टी का पक्ष रखा था। इस दौरान उनसे एंकर ने पूछा था – बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि जो भी बीएसपी से निकला है वह मिट्टी में मिल गया? इस सवाल पर आजाद ने कहा था, ” उन्होंने ही सब कुछ नाश किया है। वह काशीराम से भी बड़े नेता हो गए हैं। काशीराम ने कभी भी नहीं कहा था कि हम राम मंदिर बनाएंगे लेकिन यह उसी नारे को बोल रहे हैं।”

आजाद ने कहा था कि जिस राम मंदिर को सारी जनता भूल गई क्योंकि इस मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन उस समय पर हुआ जब देश में कोरोना बीमारी से लड़ रहे थे। बेरोजगारी, महंगाई और भुखमरी चरम पर थी लेकिन मुसलमानों ने समझदारी दिखाते हुए कहा कि आप राम मंदिर बना लीजिए। हिंदुओं ने भी कहा राम मंदिर बना लो लेकिन इस बारे में नहीं सोचा गया कि रोजगार कहां से आएगा?

चंद्रशेखर आजाद के पूछा – गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव से मुलाकात की है? इस सवाल पर भीम आर्मी चीफ़ ने दिया यह जवाब

भीम आर्मी चीफ ने अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा था,” राम मंदिर के निर्माण से किसी को रोजगार नहीं मिल जाएगा। सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या जाकर कहते हैं कि हम राम मंदिर बनाएंगे। यह कहकर वह अपनी चुनावी पिच तैयार कर रहे हैं।” जब उनसे पूछा गया था कि मंदिर से रोजगार क्यों नहीं मिलेगा? इस सवाल पर आजाद ने कहा था कि मंदिर से रोजगार कैसे मिल सकता है? जो केवल पुजारी बनेगा उसे ही रोजगार मिलेगा।

लितों के साथ खड़े रहते हैं लेकिन सवर्णों को क्यों छोड़ देते हैं? भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने यूं दिया था इस सवाल का जवाब

एंकर ने कहा था कि जब मंदिर का निर्माण होगा तो उसमें इंजीनियर, होटल और परिवहन कोई से फायदा होगा। दूसरे देशों से भी लोग राम मंदिर को देखने आएंगे। राम के आसपास तो पूरी इकोनॉमी घूमती है? इस सवाल पर आजाद ने कहा था कि अगर ऐसा है तो देश की हर जिले में राम मंदिर बना देना चाहिए। उन्होंने दलित समाज की बात करते हुए कहा था कि राम मंदिर बनने से उन्हें क्या फायदा होगा। वह तो केवल वहां पर ईंट ढोकर मजदूरी करेगा क्योंकि वह मंदिर का पुजारी तो बन नहीं सकता।