छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में सीएम भूपेश बघेल पार्टी मीटिंग के दौरान मोबाइल पर गेम खेलते दिखाई दे रहे हैं। छतीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा मीटिंग में मौजूद हैं और भूपेश बघेल गेम में व्यस्त है। इस वीडियो और फोटो को लेकर छतीसगढ़ में राजनीति शुरू हो गई। भाजपा ने तस्वीर शेयर कर तंज कसा तो भूपेश बघेल ने अपने ही अंदाज में पलटवार किया है।
छत्तीसगढ़ बीजेपी की तरफ से भूपेश बघेल की तस्वीर को शेयर कर लिखा गया, “भूपेश जी भी निश्चिंत हैं, उन्हें पता है कितनी भी माथा पच्ची कर लें सरकार तो आनी नहीं है। शायद इसीलिए कांग्रेस के प्रत्याशी चयन से संबंधित बैठक में ध्यान देने के बजाय उन्होंने CANDY CRUSH खेलना उचित समझा।” बीजेपी के तमाम नेताओं और समर्थकों ने इस फोटो और वीडियो शेयर कर सीएम भूपेश बघेल पर तंज कसा है।
भूपेश बघेल ने शेयर किया वीडियो
वहीं भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा, ‘पहले भाजपा को ऐतराज़ था कि मैं गेड़ी क्यों चढ़ता हूं, भौंरा क्यों चलाता हूं, गिल्ली डंडा क्यों खेलता हूं, प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक क्यों हो रहे हैं? कल एक बैठक से पहले फ़ोटो मिल गई जिसमें मैं कैंडी क्रश खेल रहा हूं। अब भाजपा को उस पर ऐतराज़ है। दरअसल उनको मेरे होने पर ही ऐतराज़ है। पर यह तो छत्तीसगढ़ के लोग हैं जो तय करते हैं कि कौन रहेगा कौन नहीं रहेगा।’
सीएम बघेल ने कहा, “मैं गेड़ी भी चढूंगा, गिल्ली डंडा भी खेलूंगा. कैंडी क्रश भी मेरा फेवरेट है। ठीक ठाक लेवल पार कर लिया हूँ, वो भी जारी रहेगा। बाकी छत्तीसगढ़ को पता है कि किसे आशीर्वाद देना है।” सोशल मीडिया पर तमाम लोग इस आरोप प्रत्यारोप पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
@AnjaniKMaurya ने लिखा, ‘खेल कूद जरूरी है, हर उमर में। बचपना किसे पसंद नहीं।’ रामनिवास कुमार ने लिखा, ‘मोबाइल में गेम खेलना और ओलंपिक में खेलना में अंतर होता है। इतना भी “सौम्या” भाषा नहीं समझते बघेल जी?’ एक ने लिखा, ‘भूपेश जी, आपके गेम खेलने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर आप किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के दौरान खेलते हैं तो ये आपत्ति लायक है। इतना ही नहीं, इससे आपकी गंभीरता का भी पता चलता है।’
गोपाल ठाकुर ने लिखा, ‘काका प्रेक्टिस कर रहे हैं, वैसे भी उनको हारने के बाद कुछ काम रहेगा नहीं तो दिन भर गेम ही खेलेंगे।’ आर्यन राज ने लिखा, ‘जितनी भी राजनीति पार्टी हैं, वो सब देश में रहने वाले गरीबों के साथ गेम खेल रही हैं, बाक़ी सब ठीक है।’ एक ने लिखा, ‘जो खेलना है खेलो लेकिन संवैधानिक पद पर होते हुए, मीटिंग के समय यह खेल आप मोबाइल पर नहीं, जनता के साथ खेल रहे हैं।’
बता दें कि सोशल मीडिया पर कांग्रेस और बीजेपी समर्थकों के बीच इस मुद्दे को लेकर वार-पलटवार चल रहा है। कुछ लोग इसे जायज ठहरा रहे हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि सीएम मोबाइल में गेम नहीं खेल रहे बल्कि प्रदेशवासियों के जीवन के साथ मजाक कर रहे हैं।