प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा फोर्स लीव (छुट्टी) पर भेजे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा और संगठन में दूसरे नंबर के अधिकारी व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना का मामला अभी तक गरमाया है। गुरुवार (25 अक्टूबर) को वर्मा के आवास के बाहर उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने खुफिया ब्यूरो (आईबी) के चार कर्मचारियों को संदिग्ध समझकर पकड़ लिया। घटना का वीडियो भी न्यूज चैनलों व सोशल मीडिया पर खूब चला। वीडियो क्लिप के सामने आने के बाद कांग्रेस केंद्र पर हमलावर हुई। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार आईबी के अधिकारियों से आलोक वर्मा की जासूसी करा रही है। ‘आज तक’ पर एक डिबेट रखी गई, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खे़ड़ा थे। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा से जब सवाल किए जा रहे थे तो वह एंकर से कहने लगे, ”हमारे जासूस जाएं और हमारी ही पुलिस उनको पकड़ ले…मतलब…हमें आपने राहुल गांधी समझ रखा है अंजना जी? हम राहुल गांधी हैं क्या? नहीं…हम राहुल गांधी हैं क्या…?”
एंकर ने कहा, ”ऐसा ही हुआ न सर, वो आईबी के अधिकारी हैं, उनके पास आई-कार्ड्स थे, वो क्या कर रहे थे वहां?” इस पर संबित पात्रा ने फिर कहा, ”नहीं.. आपने हमें राहुल गांधी समझ रखा है क्या.. कि आईकार्ड डालके, बाल बनाके, सूट बैग टांगके हम लोगों को भेजेंगे जासूसी करने के लिए.. फिर हमारे ही लोग जाकर उन्हें पकड़ लेंगे.. क्या मजाक बना रखा है? नहीं.. अंजना आप सच में बताइये आप हमें क्या राहुल गांधी समझती है…।” बता दें कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के सुरक्षा कर्मचारियों के द्वारा पकड़े जाने पर आईबी ने साफ किया कि उसके कर्मचारी नियमित गश्त पर थे। मीडिया रिपोर्ट्स से मुताबिक मंगलवार रात केंद्र सरकार द्वारा लंबी छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा के सुरक्षा स्टाफ ने आईबी कर्मियों को पकड़ा और उन्हें आवास में खींच कर ले गए।
चारों आईबी कर्मी सीबीआई निदेशक के दिल्ली के जनपथ स्थित आवास के बाहर कार में बैठे थे। गार्ड उन्हें पकड़कर वर्मा के बंगले में ले गए और उन्हें अपनी पहचान बताने को कहा। चारों आईबी कर्मियों को बुधवार रात से उनकी कार में देखा जा रहा था। इससे संदेह पैदा हुआ कि वे वर्मा की जासूसी कर रहे हैं। इससे पहले सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ विवाद के बाद सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार रफाल विमान सौदे में अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए यह सब कर रही है।

