शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह भारत के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र को स्वीकार करने राष्ट्रपति भवन आई थीं। उनका चेहरे एकदम शांत था मगर मन के अंदर मानो तूफान उमड़ रहा हो। उनके साथ कैप्टन सिंह की मां बगल में ही चुप्पी साधे खड़ी थीं। वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने हाथ जोड़े हुईं थीं। उनकी शांत आंखों में सवाल की सवाल थे मगर हृदय में तकलीफ लिए वे चेहरे पर गर्व का भाव लिए खड़ी थीं। हालांकि उनके चेहरे से उनका दुख साफ झलक रहा था। इस तस्वीर को देखने वालों का कलेजा फट रहा है। उनकी आंखें नम हैं मगर मजाल है जो आंसू नीचे गिर जाए। इस दर्द की कल्पना करना बहुत मुश्किल है। वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र कैप्टन अंशुमान सिंह को उनकी बहादुरी के लिए दिया गया। कैप्टन 19 जुलाई 2023 को सियाचिन में आग लगने की घटना के दौरार शहीद हो गए।
कैप्टन सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन में सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात थे। 19 जुलाई 2023 को सुबह करीब 3 बजे शॉर्ट सर्किट के कारण भारतीय सेना के गोला-बारूद के ढेर में आग लग गई। कैप्टन सिंह ने फाइबरग्लास की एक टेंट को आग की लपटों में घिरा देखा और तुरंत अंदर फंसे सैनिकों को बचाने में जुट गए। उन्होंने चार से पांच सैनिकों की जान बचाई। हालांकि आग जल्द ही पास के चिकित्सा कक्ष में भी फैल गई। कैप्टन सिंह धधकती आग में दोबारा गए और सैनिकों को बचाने की चाह में अंदर ही फंस गए। इसके बाद उनके शहीद होने की खबर आई। इसके बाद कैप्टन सिंह का 22 जुलाई, 2023 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भागलपुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद की पत्नी ने सुनाई उनकी लव स्टोरी
कुछ प्रेम कहानियां ऐसे ही सदा के लिए अमर हो जाती हैं। शहीद की पत्नी स्मृति सिंह को देखकर लग रहा था कि मानो उनकी जुबां से शहीद कैप्टन बोल रहे हैं। स्मृति सिंह ने बड़ी बहादुरी और हिम्मत के साथ बताया कि कैसे हादसे के एक दिन पहले 18 जुलाई को उनकी फोन पर कैप्टन सिंह से लंबी बात हुई थी। उन्होंने आगे 50 साल के अपने भविष्य के बारे में चर्चा की थी। वे घर, बच्चे आदि को लेकर बात कर रहे थे।
कैप्टन सिंह को याद करते हुए स्मृति सिंह कहती हैं, “यह पहली नजर का प्यार था।” हमारे कॉलेज के पहले दिन मैं उनसे मिली। एक महीने के बाद उनका सेलेक्शन सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) में हो गया। हम एक इंजीनियरिंग कॉलेज में मिले थे और उसका मेडिकल कॉलेज में चयन हो गया। वह बहुत इंटेलिजेंट थे। सिर्फ एक महीने की मुलाकात के बाद हम आठ सालों तक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप रहे और फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए, इसलिए हमने शादी कर ली।’
फरवरी 2023 में इस जोड़े ने शादी कर ली
भावुक होकर स्मृति ने कहा, “शादी के दो महीने के भीतर ही उनकी पोस्टिंग सियाचिन में हो गई। 18 जुलाई को हमने इस बारे में लंबी बातचीत की थी कि अगले 50 सालों में हमारी लाइफ कैसी होगी। हम एक घर बनाएंगे, हमारे बच्चे होंगे और … 19 तारीख की सुबह जब मैं उठी मुझे फोन आया कि वह नहीं रहे।”
स्मृति ने अपने परिवार को सदमे के बारे में बताते हुए कहा, ‘पहले 7-8 घंटों तक हम यह स्वीकार नहीं कर पाए कि ऐसा कुछ भी हुआ है। आज तक मैं संभल नहीं पा रही हूं। बस यह सोच कर पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि शायद यह सच नहीं है लेकिन अब जब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है, तो मुझे एहसास हुआ कि यह सच है। ठीक है, वे एक हीरो हैं।’ हम भी अपना लाइफ तो थोड़ा मैनेज करने की कोशिश सकते हैं क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ मैनेज किया है। उन्होंने अपनी जिंदगी का त्याग दिया ताकि अन्य तीन सैन्य परिवारों को बचा जा सके।”
शहीद पत्नी की जुबानी उनकी प्रेम कहानी सुनकर लोग भावुक हो रहे हैं। स्मृति की खामोश आंखें जैसे कितना कुछ ना बोलकर भी कह रही हों…ऐसी प्रेम कहानियां हमेशा के लिए अमर हो जाती हैं।