उत्तर प्रदेश के एक एसडीएम ने अपने ही राज्य की राज्यपाल को कोर्ट के सामने पेश होने का समन भेज दिया। जैसे ही समन लखनऊ स्थित राजभवन पहुंचा तो हड़कंप मच गया। यह समन एक जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ था, जिसमें राज्यपाल को पक्षकार बनाया गया था। राजभवन से जब चिट्ठी का जवाब दिया गया तो मामला चर्चा में आ गया और एसडीएम के समन और राजभवन के जवाब की चिट्ठी वायरल हो रही है।

बदायूं सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गांव लोड़ा बहेड़ी के चंद्रहास नाम के व्यक्ति ने सदर तहसील के एसडीएम न्‍यायिक कोर्ट में एक वाद दायर किया। जिसमें लेखराज, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और राज्यपाल को पक्षकार बनाया गया। चंद्रहास ने आरोप लगाया कि उनकी चाची की जमीन एक रिश्तेदार ने अपने नाम करवा ली है और यह जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहित कर ली गई। सरकार से मिला पैसा लेखराज नाम के व्यक्ति ने ले लिया है।

राजभवन से मिली कड़ी चेतावनी

इस पर सुनवाई के दौरान एसडीएम ने न्‍यायिक कोर्ट से लेखराज और राज्‍यपाल को कोर्ट में हाजिर होने का समन जारी कर दिया। जब यह समन राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह द्वारा 16 अक्टूबर को जवाब दिया और सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि इस पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही साथ एसडीएम के समन पर कड़ी आपत्ति भी जताई।

Badaun SDM Viral
SDM का समन और राजभवन से मिले जवाब की वायरल चिट्ठी

राज्यपाल के विशेष सचिव द्वारा बदायूं डीएम को लिखी चिट्ठी में कहा गया कि आवश्यक कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों। सचिव ने डीएम बदायूं से नियमानुसार पक्ष रखने व नोटिस जारी करने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

वहीं बदायूं डीएम का कहना है कि कार्यालय को महामहिम राज्यपाल के सचिव का पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ कि राज्यपाल को एसडीएम सदर (न्यायिक) विनीत कुमार की कोर्ट से समन जारी किया गया था। बदायूं डीएम ने कहा कि SDM विनीत कुमार को राजभवन से आए पत्र के बारे में अगवत करवा दिया गया है।