British MP Rupert Lowe News: ब्रिटेन में इनदिनों पाकिस्तानी मूल के लोगों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। खासकर वो जिन पर रेप समेत अन्य गंभीर अपराध के आरोप है। इन अपराधियों को देश से डिपोर्ट कर वापस उनके वतन भेजने को लेकर स्थानीय नेता एक-दूसरे के सामने हैं।
ब्रिटेन का विजा नहीं दिया जाना चाहिए
एक ब्रिटिश सांसद रूपर्ट लोव जो ग्रेट यारमाउथ कोंस्टीटूएंसी से आते हैं ने सरकार से मांग की है कि सारे पाकिस्तानी अपराधी को जल्द से जल्द देश से बाहर निकाल देना चाहिए। उन्होंने लंबे समय से ब्रिटेन में आने वाले पाकिस्तानियों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उनकी मांग है कि किसी भी पाकिस्तानी को ब्रिटेन का विजा नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने हाल ही में एक जांच रिपोर्ट शेयर की थी, जिसमें कहा गया है कि देशभर में ऐसे 85 इलाके हैं, जहां पाकिस्तानी रेपिस्ट का गैंग एक्टिव है। गैंग के सदस्य भोली-भाली बच्चियों को शिकार बनाता रहा है।
निर्दलीय सांसद रूपर्ट ने अपनी जांच रिपोर्ट में दावा किया है कि ‘रेपिस्ट गैंग’ में मुख्यतः पाकिस्तानी मूल के युवक शामिल हैं जो बीते कई वर्षों से अपराध को अंजाम देने में सक्रिय हैं। पाकिस्तानी अपराधियों के डिपोर्ट की मांग करती हुई उनकी एक एक्स पोस्ट खूब वायरल हो रही है।
दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने भी रूपर्ट लोव की जांच का समर्थन करते हुए ब्रिटिश सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने हाल के दिनों में यूरोप, खासतौर से ब्रिटेन में डिपोर्टेशन नीतियों पर अपनी चिंता व्यक्त की है और यूरोपीय देशों में बढ़ते अपराध के साथ इसे जोड़ा है।
रूपर्ट ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, “अगर सरकार अपने निर्वासन की धमकियों को लेकर गंभीर है, तो पाकिस्तान से शुरुआत करें। जब तक वे निर्वासित बलात्कारी/अपराधी को स्वीकार नहीं कर लेते, तब तक पाकिस्तान को एक भी वीजा जारी न करें। जब तक आप वहां हैं, पाकिस्तानियों को भेजी जाने वाली विदेशी सहायता का एक-एक पैसा बंद कर दें। जटिल नहीं है।”
दरअसल, हाल ही में पाकिस्तानी मूल की मुस्लिम सांसद शबाना महमूद ब्रिटेन की नई गृह मंत्री बनाई गईं हैं। पदभार संभालने के बाद उन्होंने घोषणा की थी कि वे उन देशों के खिलाफ वीजा निलंबन जैसे सख्त कदम उठाएंगी, जो अपने ‘अवैध और अपराधी’ नागरिकों को वापस लेने से इनकार या देरी करते हैं।
गृह मंत्री के इसी बयान के बाद निर्दलीय सांसद रूपर्ट का यह बयान आया है। दरअसल, एक अनुमान के मुताबिक 2025 की शुरुआत से अब तक 30,000 से अधिक लोग अवैध रूप से ब्रिटेन पहुंचे हैं, जिसमें से कई का शरण आवेदन अस्वीकृत हो चुका है। पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जहां से अपराधियों और अवैध प्रवासियों की वापसी में देरी होती है।