दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस द्वारा “हल्ला बोल” रैली का आयोजन किया गया था। भारत जोड़ो यात्रा से ठीक पहले कांग्रेस की तरफ से महंगाई के खिलाफ इस सभा को आयोजित किया गया था। हालांकि इसी कार्यक्रम का एक वीडियो क्लिप शेयर कर राहुल गांधी की जमकर खिंचाई की गई। राहुल गांधी ने आटा को किलो की जगह लीटर में बोल दिया था, हालांकि इसके बाद तुरंत बाद उन्होंने इस भूल को सुधार लिया था लेकिन विरोधियों को बैठे-बिठाये तंज कसने का एक मौका मिल गया।

राहुल के बयान पर भाजपा का तंज

राहुल गांधी के विरोधियों ने इस क्लिप को शेयर कर उनका मजाक बना शुरू कर दिया, तंज कसा जाने लगा। कुछ ही देर में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। राहुल गांधी के इस बयान के बाद भाजपा के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट ने ट्वीट किया, “कांग्रेस के मित्रों, राजकुमार को सुनकर आपको “किलो” में आंसू आते हैं या “लीटर” में?

लोगों की प्रतिक्रियाएं

काजोद चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि राहुल जी गीले आटे की बात कर रहे हैं। महंगाई में आटा गीला होता नहीं क्या? इनको समझना भक्तों के बस की बात नहीं है। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने लिखा कि तू इधर-उधर की बात न कर। ये बता कि शहंशाह ने आटा, दाल, तेल, दूध, दवा, डीजल के दाम में क्यों आग लगा दिया है? लोगों को खून के आंसू क्यों रुला रहा है? दोस्तों के पेट भरने के लिये हिन्दुस्तानियों के पेट क्यों काट रहा है? भारत का कारवां क्यों लुटा रहा है?

नत्ताशा शर्मा ने लिखा कि “म” से महंगाई पर कुछ मत बोलना, बस ये ओछी मानसिकता दिखाना ही आपका काम है और हां सुनो कान खोल कर “किलो” और “लीटर” दोनो जनता के आंसू निकाल रहे हैं पर भाजपा तो सिर्फ सूट बूट सरकार है तो जनता के आंसू से आपको क्या लेना? यहां जनता त्रस्त भाजपा मस्त।

सदाफ जफर नाम के यूजर ने लिखा कि काश मरते किसानों, भूखे बच्चों, सड़क पर बच्चों को जन्म देती मांओं, बलात्कार होती महिलाओं, आत्महत्या करते दिहाड़ी मजूदरों को देखकर आपके नेता मोदी – शाह जी को मिलीग्राम या मिली लीटर आंसू आ जाता लेकिन वो दोनों अपने दोनों को खुश करके, टीवी पर मगरमच्छ के आंसू बहाने में यकीन रखते हैं।

अजीत यादव नाम के यूजर ने लिखा कि मंहगाई से जनता के आंसू जरूर बह रहे हैं, जिसको माप पाना कठिन है कि लीटर में बह रहा है या किलो में। बीजेपी तो बस उद्योगपति की पार्टी है। अशोक कुमार पाण्डेय ने लिखा कि बस एक बार राजकुमार शाह को सुना था। किलो, लीटर और रन, तीनों में आंसू आए। फिर पता चला शहंशाह ने बारहवीं के बाद इंटर किया है तो टन में हंसी आई।