कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के फैसलों की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया तानाशाह करार दिया। राहुल गांधी ने इस मौके पर ट्वीट करके नोटबंदी के दौरान एक वुद्ध नागरिक को हुइ मुश्किलों पर लिखा था लेकिन शाम होते होते मीडिया ने उस व्यक्ति को ढूंढ़ निकाला। मीडिया से बात करते हुए नन्द लाल नाम के वृद्ध शख्स ने बताया कि नोटबंदी से कोई दिक्कत नहीं थी किसी ने पैर कुचल दिया था इसलिए रोया था, नोटबंदी से खुश हूं, सराकर के हर फैसले के साथ हूं।” अब इस बयान को लपक कर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सीधे सोनिया गांधी से माफी की मांग कर दी। संबित ने लिखा कि बेल पर बाहर भ्रष्ट-लाल ने किया श्री नंदलाल जी झूठी ट्वीट, अब क्या सोनिया दी अपने फेल्ड लाल के लिए मांगी मांगेगी?
Bail पे बाहर “भ्रष्ट-लाल” ने किया श्री नंदलाल जी कि झूठी tweet
अब क्या सोनिया जी अपने “Failed-लाल” के लिए माफ़ी माँगेगी? pic.twitter.com/wa6kUdKdkV— Sambit Patra (Modi Ka Parivar) (@sambitswaraj) November 8, 2017
इधर इससे पहले राहुल गांधी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेरोजगारी के कारण उपजे गुस्से को सांप्रदायिक घृणा में बदलने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा, “नोटबंदी से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)में दो फीसदी की गिरावट आई। इसने असंगठित क्षेत्र को तबाह कर दिया व साथ ही कई लघु व मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया। इसने लाखों मेहनतकश भारतीयों के जीवन को बर्बाद कर दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र के अनुसार 2017 के पहले चार महीनों में नोटबंदी की वजह से 15 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नौकरियां गवां दीं।” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जीएसटी को जल्दीबाजी में और गलत तरीके से लागू किया गया कदम बताया।
राहुल गांधी ने कहा, “इसने आजीविका को तबाह कर दिया है और इसने आधुनिक समय में ‘लाइसेंस राज’ को जन्म दे दिया है, जिसमें कठोर नियंत्रण लागू कर दिए गए हैं और सरकारी अधिकारियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं।” राहुल ने कहा, “ये दो अधिनियम ऐसे समय में आए हैं जब वैश्विक ताकतों को भारत की अर्थव्यवस्था से विशेष उम्मीदें हैं। राहुल गांधी ने कहा, “मोदी जैसे लोकतांत्रिक रूप से चुने गए तानाशाहों का उदय दो कारणों से होता है – पहला संपर्क में व्यापक स्तर पर वृद्धि व संस्थानों पर इसके गहरा प्रभाव व दूसरा चीन का वैश्विक रोजगार बाजार पर प्रभुत्व।”
WATCH: Nand Lal (ex-Serviceman clicked in iconic #demonetization pic) praises the Government (NOTE: Strong Language) pic.twitter.com/ik4vaHYNvF
— ANI (@ANI) November 8, 2017