भाजपा सांसद वरुण गांधी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नौजवानों, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को लेकर वरुण गांधी पार्टी लाइन से बाहर जाकर अपनी राय रख रहे हैं। अब वरुण गांधी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी की तारीफ की है।

दरअसल एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने खाली पड़े सरकारी पदों का जिक्र किया। इस दौरान ओवैसी ने यह भी बताया कि ‘ये आंकड़े कोई और नहीं, बल्कि पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने साझा किया है। ओवैसी के इसी बयान का वीडियो शेयर कर वरुण गांधी ने उन्हें धन्यवाद कहा है।

वरुण गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि ‘बेरोजगारी आज देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है और पूरे देश के नेताओं को इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना चाहिए। बेरोजगार नौजवानों को न्याय मिलना चाहिए, तभी देश शक्तिशाली बनेगा। मैं आभारी हूं कि रोजगार के ऊपर उठाए गए मेरे सवालों का ओवैसी जी ने अपने भाषण में ज़िक्र किया।  

लोगों की प्रतिक्रियाएं: दिनेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘तुम्हारे इतने बुरे दिन आ गये हैं कि तुम्हे औवेसी जैसे लोगों से सार्टिफेकट लेना पड़ रहा है। सत्ता का लालच तुम्हें कितना नीचे गिरायेगा।’ रविन्द्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बेरोजगारी नहीं, बढ़ती जनसंख्या और घुसपैठ सबसे बड़ा मुद्दा है। इन पर कानून बन जाए तो बेरोजगारी अपने आप खत्म हो जाएगी।’

ओंकार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विश्वास नहीं होता कि ये वही नेता हैं, जो राजनीति के शुरूआती दिनों में भड़काऊ भाषण के लिए हिरासत में लिए गये थे। मेवा नहीं तो बेरोजगारी दिख रही है।’ सैफ आलम ने लिखा कि ‘कुछ लोग कह रहे हैं कि वरुण गांधी के बुरे दिन आ गये क्योंकि ओवैसी ने उनके द्वारा बेरोजगारी पर सच्चाई को अपने भाषण में कहा। शर्म आती हैं ऐसे सोच वालों पर जो नफरत में इतने अंधे हो चुके हैं।’

केके भारद्वाज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वरूण भाई, प्रवक्ता जबरदस्त तलाश किया है। वैसे भी बच्चे अपनी बात को समाज में अपने बुजुर्गों के मार्फत ही रखते हैं।’ इमरान खान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सर आपको अपने बड़े भाई के साथ आना चाहिए। आपको अपना घर वापसी करनी चाहिए कांग्रेस पार्टी में आकर।’

बता दें कि बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए वरुण गांधी ने ट्विटर पर लिखा था कि “जब बेरोजगारी 3 दशकों के सर्वोच्च स्तर पर है तब यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जहां भर्तियां न आने से करोड़ों युवा हताश व निराश है, वहीं ‘सरकारी आंकड़ों’ की ही मानें तो देश में 60 लाख ‘स्वीकृत पद’ खाली हैं। कहां गया वो बजट जो इन पदों के लिए आवंटित था? यह जानना हर नौजवान का हक है!” इसके साथ ही उन्होंने आंकड़ों को भी शेयर किया था।