समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया (Anurag Bhadauria) पर टीवी डिबेट (TV Debate) के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप बीजेपी (BJP) द्वारा लगाया गया है। बीजेपी प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में भदौरिया के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इस बीच बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी (Rakesh Tripathi) ने एक वीडियो जारी कर सपा पर तंज कसा तो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पलटवार किया।
बीजेपी प्रवक्ता ने सपा पर कसा तंज
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बदजुबानी, अराजकता और महिलाओं का अपमान करना समाजवादी पार्टी का मूल चरित्र है। ये सब सपा का नेता होने के लिए अनिवार्य योग्यता है। उन्होंने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां (Azam Khan) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस पार्टी के ब्रांड एंबेस्डर थे। वह भी खूब बदजुबानी किया करते थे, इसी मामले में उनकी विधायकी की चली गई। बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि अब समाजवादी पार्टी के नेताओं को समझ में आ जानी चाहिए की बदजुबानी करने पर उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सपा ने किया पलटवार
समाजवादी पार्टी ने राकेश त्रिपाठी के वीडियो पर कमेंट किया कि, ‘हे उलूकपुत्र राकेश त्रिपाठी। वैशाली की नगरवधू की भांति क्यों बयानबाजी करके स्वयं को भी अपमानित करवा रहे हो और अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं को भी जलील करवाते हो। जब जब तुम बयानबाजी करते हो तब तब योगी मोदी जी के बयानबाजियों की खुदाई हो जाती है और चाल चरित्र और चेहरा सार्वजनिक होता है।’
राकेश त्रिपाठी ने दिया ऐसा जवाब
राकेश त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी द्वारा किए गए कमेंट पर निशाना साधते हुए लिखा कि बाल दिवस पर समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल की गाली का बुरा नहीं मानूंगा। क्योंकि लड़कों से गलती हो जाती है। वहीं सपा के ट्वीट पर आम सोशल मीडिया यूजर्स ने भी आपत्ति जताई है। यूजर्स का कहना है कि सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ऐसा ट्वीट किया जाना बिल्कुल भी सही नहीं है।
लोगों के रिएक्शन
पत्रकार अनिल यादव ने कमेंट किया कि अभी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सोकर नहीं उठे होंगे, उठते ही अपने लोगों को नई गालियां दिखाएंगे और फिर सपा की मीडिया सेल नई गालियां पोस्ट करेगा। विकास गुप्ता नाम के एक ट्विटर यूजर द्वारा लिखा गया – भाषा शैली एक राजनीतिक पार्टी की उसकी प्रतिष्ठा होती है, शब्दों का चयन आप की बौद्धिकता को दर्शाता है। तब तो और ज्यादा, जब आप विपक्ष में बैठे हो।
पत्रकार मनीष पांडे द्वारा लिखा गया है कि किसी पार्टी की ऑफिशियल हैंडल से इस तरह के शब्दों का प्रयोग ठीक नहीं। अगर इस तरह का शब्द कोई व्यक्ति बोलता है तो इससे उसके संस्कारों का प्रदर्शन होता है लेकिन एक राजनीतिक पार्टी के हैंडल से लिखा हुआ शब्द उसकी विचारधारा निर्धारित करती है। समाजवादियों की ऐसी विचारधारा नहीं रही है।