माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स की बेटी फोबे गेट्स ने नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री ‘व्हाट्स नेक्स्ट?’ शो पर खुलासा किया कि कोविड-19 वैक्सीन को लेकर पिता पर लगे आरोपों के कारण उनकी जिंदगी पर काफी प्रभाव पड़ा था। उनके सभी दोस्तों ने उनसे कटऑफ कर लिया था। उनके दोस्तों ने कोरोना के समय में उनसे दूरी बना ली थीं। हालांकि वे इन अफवाहों को समझती थीं, उन्होंने इस बात को भी समझा कि क्यों उनके दोस्तों ने उनसे किनारा कर लिया था।
कोविड 19 वैक्सीन मामले में बिल गेट्स को लेकर कई अफवाहें उड़ीं थीं। जिसके बाद बिल गेट्स जांच के दायरे में थे। अब अरबपति की बेटी फोएबे गेट्स ने खुलासा किया है कि कैसे 2020 वैक्सीन विवाद के कारण उसके दोस्तों ने उससे रिश्ते खत्म कर लिए थे। उस समय वे काफी परेशान हो गईं थीं।
नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री में आगे क्या है?
डॉक्यूमेंट्री में गेट्स से पूछा गया कि क्या उसे उनसे संबंधित किसी अफवाह के बारे में पता चला है। इस पर फोएबे गेट्स कहती हैं, “वैक्सीन संबंधी अफवाहों के कारण मेरे दोस्तों ने भी मुझसे दूरी बना ली है।” जब गेट्स ने फोएबे से पूछा कि इस तरह की साजिश को किसने बढ़ावा दिया होगा तो उन्होंने कहा कि ऐसा डर के कारण हुआ होगा।”
फोएबे ने अपने पिता बिल गेट्स की सोशल मीडिया समझ की कमी की तरफ भी इशारा किया। गेट्स को वह समय भी याद आया जब फोएबे ने उनसे मैसेज करने के लिए ईमेल ना करने को कहा था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने कहा था कि कोई भी बात करने के लिए अब मेल नहीं करता है, बस टेक्स्ट करें। बता दें कि फोबे बिल गेट्स की सबसे छोटी बेटी हैं।
डॉक्यूमेंट्री में बिल गेट्स की सबसे छोटी बेटी फीबी गेट्स ने खुलासा किया है कि कैसे उनके पिता के बारे में फैले अफवाहों उन्हें प्रभावित किया। उन्होंने आगे खुलासा किया कि इन अफवाहों के कारण उनके रिश्तों पर नकारात्मक असर पड़ा।
यह अफवाह अभी तक साबित नहीं हुआ। गेट्स को लेकर दावा किया गया था कि माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक ने लोगों को ट्रैक करने के लिए टीकों में माइक्रोचिप लगाने की अनुमति देने के लिए एक कोशिश की थी। फोबे गेट्स ने कहा कि उनके पिता के बारे में माइक्रोचिप लगाने के अफवाहों ने दावों ने उन पर बुरा असर डाला था। कुछ दोस्तों ने तो मुझसे नाता ही तोड़ लिया।
हालांकि मैं एक छात्रा हूं और जानती हूं कि अफवाहें कैसे फैलती हैं। आजकल लोग सोशल मीडिया पर चल रहे चीजों के बारे में सच जानने की कोशिश नहीं करते हैं, वे सच को दरकिनार कर बस अपना मनोरंजन करना चाहते हैं। लोग बस हंसना चाहे हैं और तथ्यों से दूर रहते हैं।
मुझे लगता है कि यह डर के कारण हुआ। कोरोना महामारी के दौरान हर कोई घर में फंसा हुआ था। हम सभी अपनी जान बचाने में लगे थे। लोग नहीं जानते थे कि किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं और यही हमारा समाज है। उस वक्त सोशल मीडिया अपने बुरे रूप में चरम पर था। मेरे लिए यह काफी डरावना था।