फूलों से बच्चों ने स्नेह के साथ ओणम की रंगोली बनाई थी। इतनी सुंदर रंगोली कि देखकर कोई भी वाह कह उठेगा। एक महिला को यह बात हजम नहीं हुई। वह गुस्से में आई और पूछा कि इस जगह पर रंगोली क्यों बनाई। इसके बाद उसने जूतों के साथ रंगोली के ऊपर पैर रखे। देखते ही देखते उसने रंगोली को पैरों से बिहाड़ दिया, वह भी जानबूझकर। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिस पर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

पुकलम को जानबूझकर खराब किया

यह वीडियो काफी हैरान करने वाला है। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश है। वीडियो में एक महिला को बेंगलुरु में अपने अपार्टमेंट में बच्चों द्वारा बनाई गई पारंपरिक ओणम फूलों की सजावट (पुकलम) को जानबूझकर खराब करते हुए देखा जा सकता है। “पुक्कलम” दो शब्दों से मिलकर बना है: “पूव” जिसका अर्थ है फूल और “कलाम” जिसका अर्थ है जमीन पर रंगीन रेखाचित्र। महिला का नाम सिमी नायर है। वह अपने हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों के साथ बहस कर रही है और सवाल कर रही है कि अपार्टमेंट के बजाय कहीं और यह व्यवस्था क्यों की गई। वहां रहने वाले बाकी लोग महिला का समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि लॉबी सबक लिए कॉमन स्पेस है। इसके बाद भी महिला बिना किसी डर के आगे बढ़कर जूते पहने रंगोली पर पैर रखती है औऱ फिऱ इसे बिगाड़ देती है। वह बिल्कुल भी बच्चों पर दया नहीं दिखाती है।

एक यूजर ने लिखा है ”यह सचमुच बेशर्म व्यवहार था! बेंगलुरु के मोनार्क सेरेनिटी अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में रहने वाली सिमी नायर ने ओणम मनाने के लिए कॉमन एरिया में बच्चों द्वारा बनाए गए पुकलम को जानबूझकर खराब कर दिया। यह कृत्य न केवल बच्चों की परंपराओं और प्रयासों के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है, बल्कि समुदाय की उस भावना को भी कमजोर करता है, जिसे बढ़ावा देने के लिए ओणम जैसे आयोजन होते हैं।”

इस फुटेज की सोशल मीडिया पर व्यापक निंदा हुई है। कई लोगों ने समुदाय की सांस्कृतिक परंपराओं और बच्चों के प्रयासों के प्रति नायर की उपेक्षा पर नाराजगी और निराशा व्यक्त की है। एक यूजर ने लिखा, ”इस रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, ओणम एक त्योहार है… गलत क्या है, यह फूलों से भरा है… कोई भी उसके बगल में चल सकता है और सजावट और सुंदर भारतीय संस्कृति की प्रशंसा कर सकता है… लेकिन इस महिला ने पागलपन किया।”

एक अन्य ने कमेंट किया है, ”उसने कभी दूसरों की खुशियों को नष्ट करने के बारे में कैसे सोचा जो उसे किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचा रही थी। स्वीकार्य नहीं। इसके खिलाफ मामला दर्ज करें।” तीसरे ने कहा, ”यह एक दुष्ट और घटिया मानसिकता है, कारण चाहे जो भी हो। धर्म और परंपराओं का सम्मान करें, जो खुशियां और उल्लास फैलाते हैं। इस वीडियो पर आपकी क्या राय है?