बेंगलुरु में एक कूड़ा बीनने वाले शख्स को एक बैग मिला। जब बैग खोलकर देखा तो उसमें अमेरिकी डॉलर के नोट भरे हुए थे। यह देखकर कूड़ा बीनने वाला शख्स भी हैरत में पड़ गया। उसने इसकी जानकारी अपने मालिक को दी। मालिक ने इसकी सूचना पुलिस की। इसके बाद हैरान करने वाली जानकारी सामने आई।

3 नवंबर को सुलेमान नाम का शख्स बेंगलुरु के नागवारा रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक और बोतलें बीन रहे थे। तभी उन्हें एक बैग मिला। सुलेमान ने बैग खोलकर देखा तो उसमें अमेरिकी करेंसी के 23 बंडल थे। वह इसे लेकर घर आ गए और पांच नवंबर को इसकी सूचना अपने मालिक को दी। इसके बाद नोटों से भरे इस बैग को बेंगलुरु कमिश्नर बी दयानंद के ऑफिस लेकर गए।

जांच में पता चला कि इस करेंसी की भारतीय रुपये में कीमत करीब 25 करोड़ रुपए है। इतनी अधिक संख्या में नोटों का बंडल देखकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। शुरुआती जांच में पता चला कि नोटों में केमिकल लगा था। इसलिए उनकी जांच जरूरी है। बताया तो या भी जा रहा है कि ये नोट नकली हैं, जो ‘ब्लैक डॉलर स्कैम’ का हिस्सा है।

सुलेमान पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के रहने वाले हैं और बेंगलुरु में नौकरी करते हैं। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में अमेरिकी करेंसी के नकली नोट कहां से आए, पुलिस इसकी जांच कर रही है। बैग में अमेरिकी डॉलर के साथ ही साथ एक लेटरहेड भी मिला, जिस पर संयुक्त राष्ट्र की मुहर लगी हुई थी।

सुलेमान जब इस नोटों के बंडल को लेकर परेशान हो गए तो इसकी जानकारी स्वराज इंडिया के एक सामाजिक कार्यकर्ता कलीम उल्लाह को दी, उल्लाह ने इसकी जानकारी बेंगलुरु कमिश्नर को दी। कमिश्नर ने बैग लेकर दोनों को अपने ऑफिस बुलाया। चेक करने पर पता चला कि नोटों के बंडल पर केमिकल लगे हुए थे। अब इस मामले की जांच की जा रही है कि आखिर ये नोट आए कहां से?