यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं की जुबान से तीखे प्रहार हो रहे हैं। 10 फरवरी से यूपी में चुनाव की शुरुआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। दंगाई, तमंचावादी और माफिया का जिक्र कर विपक्ष पर तीखे प्रहार कर रहे हैं। सीएम योगी के निशाने पर ज्यादातर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ही दिखाई दे रहे हैं।

सीएम योगी ने दिया अखिलेश यादव को संदेश: इंडिया टीवी के कार्यक्रम में शामिल हुए योगी आदित्यनाथ से जब पूछा गया कि अखिलेश यादव को क्या सन्देश देना चाहेंगे? इस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखिलेश यादव जी समय से उठने के आदी बनें, प्रदेश के लिए सकारात्मक सोच रखें और गुस्सा कम करें। अपने पहले के कार्यों का किसी पत्रकार पर, किसी कर्मचारी पर या नागरिक पर गुस्सा क्यों निकाल रहे हैं?

‘जैसी करनी, वैसी भरनी’: सीएम योगी ने कहा कि कर्म प्रधान विश्व को राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा। व्यक्ति जैसा करेगा, वैसे ही फल प्राप्त होगा। उनके लिए चुनाव का संदेश यही है कि ‘जैसी करनी, वैसी भरनी। उन्होंने जो भी कार्य किया है, उसका फल उन्हें मिलेगा। हमने जो काम किया है, उसका फल हमें मिलेगा। ऐसी उम्मीद हमें प्रदेश की जनता से है। हमारी सरकार ने कोई कार्य इसलिए नहीं किया कि हमें वोट मिले, हमने इसलिए कार्य किया है कि उत्तर प्रदेश के नंबर 1 बनने की यात्रा रुकने और थमने ना पाए।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की तरफ से सीएम योगी को ही मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में सामने किया गया है। ऐसे में उनके सामने बीजेपी की दोबारा से सत्ता वापसी कराने की चुनौती है। ऐसा कहा जा रहा है कि यूपी में बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। शायद यही वजह है कि बीजेपी और सपा के बीच जुबानी जंग चल रही है।

शनिवार को सीएम योगी आदित्यानाथ ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए सपा पर हमला बोला। योगी ने लिखा कि मुजफ्फरनगर दंगे में हिंदुओं को बंदूकों से भूना गया था। 60 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 1,500 से अधिक जेल में बंद किए गए थे। गांव के गांव खाली हो गए थे। सपा की यही ‘पहचान’ है। अखिलेश यादव ने भी योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा था कि बाबा जी… पैदल भी हैं… बे-दल भी हैं।