उत्तर प्रदेश के बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज किया गया। बताया गया कि कांवड़िए बिना अनुमति के नए रास्ते से कांवड़ का जत्था डीजे के साथ ले जाना चाहते थे। जब पुलिस ने उन्हें रोका तो वह हंगामा करने लगे। उन्हें समझाने की कोशिश लेकिन वह नहीं माने फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें भगाया। वहीं इस घटना के कुछ देर बाद बरेली के SSP प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया।

मामला बरेली के बारादरी थाना इलाके के नवादा का है, जहां कांवड़ियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना के कुछ देर बाद उत्तर प्रदेश के 14 अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया, जिसमें बरेली के SSP प्रभाकर चौधरी का नाम भी शामिल है। प्रभाकर चौधरी को अब बतौर सेनानायक, 32वीं वाहिनी पी.ए.सी लखनऊ भेज दिया गया है।

सोशल मीडिया पर लोग प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर पर सवाल उठा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने लिखा, ‘श्रीमान योगी आदित्यनाथ जी, बहुत कुछ आप अच्छा कर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी उपलब्धि कानून व्यवस्था दुरुस्त की। अब प्रभाकर चौधरी जैसे शानदार पुलिस अधिकारी को कानून व्यवस्था दुरुस्त करने पर आपके राज में स्थानांतरित कर दिया जाए तो यह खराबी की शुरुआत है। ऐसा अनर्थ मत करिए।’

नरगिस बानो ने लिखा, ‘आखिर भारत में एक ईमानदार पुलिस अफसर को उसकी ईमानदारी की सजा ट्रांसफर के रूप में मिलती ही है, तभी तो योगी जी को वोट मिलेंगे।’ सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर बरेली में हुई लाठीचार्ज की घटना के बाद ही SSP प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर क्यों कर दिया गया? जब वो खुद कह रहे हैं कि कुछ असामाजिक तत्व के लोग माहौल खराब करना चाहते थे।

कौन है प्रभाकर चौधरी?

अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर, कानपुर देहात में एसपी और वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ आगरा में एसएसपी का पदभार संभाल चुके हैं। वह बरेली में SSP के तौर पर कार्यरत थे। प्रभाकर चौधरी के अधिक जानने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि 13 साल की नौकरी में उनका 21 बार ट्रांसफर हो चुका है। वह मेरठ के अलावा कहीं भी एक साल से अधिक समय तक पदस्थ नहीं रहे हैं।

बरेली में कांवड़ियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद एसएसपी प्रभाकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कांवड़ियों के बीच कुछ गलत लोग नशे में थे। उनके पास अवैध हथियार थे, उन्हें रोकने और समझाने की कोशिश की गई, नहीं मानें तो लाठीचार्ज किया गया। कुछ लोग एसएसपी के इसी बयान को ट्रांसफर का कारण बता रहे हैं।