वंदे भारत ट्रेन ने एक और रिकॉर्ड बना दिया है। वंदे भारत एक्सप्रेस ने परीक्षण के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को पार कर लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में जानकारी दी है।इसके साथ ही उन्होंने 180 किमी/घंटे की रफ़्तार से दौड़ रही वंदे भारत ट्रेन का वीडियो भी शेयर किया है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो शेयर कर लिखा कि ट्रेन 180 किमी/घंटे की रफ़्तार से चल रही थी और गिलास का पानी भी नहीं छलका! एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आत्मनिर्भर भारत की रफ़्तार। केंद्रीय मंत्री के ट्वीट पर लोग तारीफ भी कर रहे हैं लेकिन इस ट्वीट पर लोग रेलवे से जुड़ी समस्याओं को भी सामने रखने लगे।

एक यूजर ने लिखा कि कोई फायदा नहीं है नेताजी, हम लोग 1 घंटे से ट्रेन में बैठ कर ट्रेन के चलने का इंतजार कर रहे हैं जबकि ट्रेन पहले से ही 2 घंटे देर है। मुबारक हो आपको, आपका रेलवे विभाग! अबिराम चौबे नाम के यूजर ने लिखा कि आपने, मोदी सरकार के 8 साल में 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की। इतने सालों से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही है भोपाल शताब्दी।

अरूप मलिक नाम के यूजर ने लिखा कि मुझे कहना होगा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। यह एक क्रांति हो सकती है, यदि अधिकांश प्रीमियम ट्रेनें इतनी गति से चलेंगी। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। लोग आलोचना कर सकते हैं लेकिन उपलब्धि की सराहना करनी चाहिए। मनोज नाम के यूजर ने लिखा कि लोकल ट्रेन बंद कर रखी हैं आपने, उनको प्रॉपर क्यों नहीं चला रहे, लोगों के काम धंधे आवागमन चौपट पड़ा हुआ है, पटरी पर ट्रेन नहीं रहेगी, स्पीड से रिकॉर्ड बनाने से क्या फायदा?

पवन यादव नाम के यूजर ने लिखा कि 1 साल के बच्चे का पूरा किराया लेकर, बुजुर्गों की रियायत खत्म करके, स्लीपर डिब्बे कम करके, पैसेंजर ट्रेनों से एक्सप्रेस का किराया लेकर, रेलवे की संपत्ति बेचकर अश्विनी जी रेलवे को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि पहले ट्रेनों का लेट होना ठीक करिए महोदय। 600-700 किलोमीटर के यात्रा में भी 8-8 घंटा लेट होना बहुत शर्म की बात है। बुजुर्गों को तो आप लोग पहले ही बोझ मान चुके हो।

बता दें कि ये ट्रायल कोटा-नागदा सेक्शन के बीच में हुआ और ट्रेन ने 120/130/150 और 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पार कर लिया है। रेलवे ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के अनुरूप 15 अगस्त, 2023 तक वंदे भारत की 75 ट्रेन पटरियों पर दौड़ना शुरू कर देंगी।