राजस्थान में पंचायत राज्य मंत्री रमेश मीणा (Ramesh Meena) का एक वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल (Viral) हो रहा है। इस वीडियो में रमेश मीणा कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल (Collector Bhagwati Prasad Kalal) पर भड़कते नजर आ रहे हैं। अशोक गहलोत के मंत्री (Ashok Gehlot Minister) ने अपने सोशल मीडिया (Social Media) हैंडल से खुद इस वीडियो को शेयर किया है। जिस पर लोग कई तरह के कमेंट कर रहे हैं।

मंत्री ने कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल (Collector Bhagwati Prasad Kalal) को बाहर निकाला

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा स्वयं सहायता समूह के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इस दौरान वह कलेक्टर पर नाराज हो जाते हैं, और कलेक्टर को हॉल से बाहर कर देते हैं। दरअसल, रमेश मीणा अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने पलटकर देखा तो कलेक्टर मोबाइल पर बात कर रहे थे। राज्यमंत्री इसी बात पर नाराज हो गए।

उन्होंने कलेक्टर पर भड़कते हुए कहा, “हम सरकार की योजनाओं पर बात कर रहे हैं। आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे हैं। क्या इस सरकार पर ब्यूरोक्रेट इतने हावी हो गए हैं। इस पर कलेक्टर उठकर जाने लगे। मंत्री ने भी कह दिया, आप यहां से जाइए। इसके बाद कुछ अन्य लोगों ने कॉल किया और कलेक्टर को वापस बुलाया।”

रमेश मीणा ने शेयर किया वीडियो

रमेश मीणा ने वीडियो शेयर कर लिखा कि,”बीकानेर में राजीविका योजना के माध्यम से गरीब महिलाओं के उत्थान की महत्वपूर्ण चर्चा चल रही थी। सरकार और मुख्यमंत्री भी इसी योजना के प्रति गंभीर हैं इस दौरान बार-बार कलेक्टर साहब से संवाद या सवाल पूछने पर उन्होंने नजरअंदाज किया। फोन पर बात करना महत्वपूर्ण हो सकता है और जनता की बात?” इस वीडियो पर लोग कई तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।

https://fb.watch/gYg0TU3T9r/

लोगों के रिएक्शन

रमेश नाम के एक फेसबुक यूज़र ने लिखा कि बहुत अच्छा, ये IAS राज्य सेवा के अधिकारियों के साथ जैसा व्यवहार करते हैं, उनको उनकी औकात बतानी चाहिए। माखन लाल मीणा नाम के यूज़र ने कमेंट किया – आप हमेशा नियम कायदे कानून से चलते हो फिर भी इनका इस तरह का व्यवहार बाकई सोचने वाली बात है। आप हमेशा नियम कानून को सर्वोपरि मानकर चलते हो। जनता की क्या सुनते होंगे ये लोग, सोचने वाली बात ये है। आजाद सिंह नाम के एक यूज़र द्वारा लिखा गया कि सरकार की बात को नजरअंदाज करने वाले अधिकारी आम जनता की क्या सुध लेते होंगे? इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है।