मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, उस वक्त सीएम ममता बनर्जी के साथ उनके रिश्तों की तल्खी किसी छुपी नहीं। उपराज्यपाल रहते हुए जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के कई फैसलों पर सवाल उठाये और फटकार भी लगाई थी लेकिन जब उपराष्ट्रपति का चुनाव आया तो ममता बनर्जी ने चुनाव प्रक्रिया से ही किनारा कर लिया। इस पर अशोक गहलोत ने चुटकीले अंदाज में उपराष्ट्रपति से पूछा कि आपने ममता बनर्जी पर ऐसा क्या जादू कर दिया था?
अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति से पूछा सवाल
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति के सम्मान में एक आयोजन किया था, जिसमें राजस्थान सरकार के मंत्री और सभी पार्टियों के विधायक शामिल हुए थे। इसी कार्यक्रम में जगदीप धनखड़ पर बोलते हुए अशोक गहलोत ने पूछा कि जब तक आप पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, मुख्यमंत्री और आपकी खूब चर्चा रही। तीन साल में ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब आप दोनों की चर्चा नहीं हुई हो। इसके बाद भी आपने ऐसा कौन सा जादू किया कि ममता बनर्जी ने आपको चुनाव जितवाने के लिए सांसदों को ही एब्सेंट करवा दिया। जादूगर तो मैं हूं, मैं समझना चाहता हूं कि मुझसे भी बड़ा कोई जादूगर है हिन्दुस्तान में?
जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी को लेकर ऐसे दिया जवाब
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अशोक गहलोत के इस टिप्पणी का अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुझे वो दिन याद है कि जब राजस्थान विधानसभा चुनाव हो रहे थे और चुरू से राजेन्द्र राठौर उम्मीदवार थे। मैं उनकी सभा में गया, मैंने ऐसा जादू किया कि राजेंद्र राठौर एक भी चुनाव नहीं हारे। इसके बाद जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी पर बोलते हुए कहा कि मैंने उनसे कहा कि अब मैं आपके राज्य का राज्यपाल नहीं हूं, आप दिल पर हाथ रखकर सोचिये कि क्या मैंने कोई भी काम संविधान के खिलाफ किया है। उन्होंने कुछ भी कहा हो लेकिन मैंने कभी कोई शब्द ऐसा नहीं कहा, जो उनकी मर्यादा पर कटाक्ष हो !
जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी का आभार जताते हुए कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से पहली बार, उनके प्रति उनके कदम के लिए आभार प्रकट करता हूं। बता दें कि राजस्थान मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित इस रात्रिभोज में सभी दल के नेता शामिल हुए थे। विपक्षी पार्टी के नेता होने के बावजूद भी अशोक गहलोत और जगदीप धनखड़ के बीच अच्छे संबंध हैं।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के उपराज्यपाल रहते हुए जगदीप धनखड़ ममता बनर्जी पर आरोप लगाते थे कि राज्य में अराजकता फैल रही है तो वहीं ममता बनर्जी पलटवार करते हुए दावा करतीं थीं कि राज्यपाल केंद्र के कहने पर काम कर रहे हैं। दोनों के रिश्तों के बीच कड़वाहट की चर्चा कई बार हुई और कई बार मीडिया के सामने दोनों के एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी की लेकिन उपराष्ट्रपति के चुनाव के वक्त ममता बनर्जी ने अपने सभी सांसदों को वोटिंग से बाहर कर, अप्रत्यक्ष रूप से अपना समर्थन दिया था।