उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) से सांसद अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के पुत्र आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के मुद्दे पर जमकर राजनीति हो रही है। अब पीड़ित किसानों के परिवारवाले जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं। परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द किया जाए। इसी बीच रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने सीएम योगी पर तंज कसा है।

जयंत चौधरी ने कसा सीएम योगी पर तंज: जयंत चौधरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) पर तंज कसते हुए ट्विटर पर लिखा कि योगी जी को बताना चाहिए, वो आशीष मिश्रा टेनी के बेल होने से इतने प्रसन्न क्यों हुए? उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका क्यों प्रस्तुत नहीं की?  बात साफ़ है: भाजपा सरकार = किसान विरोधी!

लोगों की प्रतिक्रियाएं: दानवीर चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि यूपी सरकार का दायित्व था कि आशीष मिश्रा टेनी की जमानत का विरोध करती और साक्ष्य न्यायालय के समझ प्रस्तुत करती, किन्तु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा साक्ष्यों को छिपाया गया है। बात साफ है भाजपा सरकार=किसान विरोधी। नीरज यादव नाम के यूजर ने लिखा कि भाजपा फैसला करे कि वो किसानों के साथ है या किसानों के खिलाफ? यूपी के किसान भाई भी तय करें कि हाईकोर्ट के बेल के निर्णय के विरुद्ध सरकारी तंत्र ने याचिका क्यों नहीं डाली?

संजय राणा नाम के यूजर ने जयंत चौधरी पर ही सवाल उठाते हुए लिखा कि हे प्रबुद्ध जाट देवता, जमानत कोर्ट देता है सरकार नहीं ।आप क्यों भूल गए गौरव और सचिन को? उनकी लड़ाई भी लड़ो जाट देवता। कब तक जाटों के हत्यारों का साथ दोगे वोट के लिए? समाज का साथ दो, समाज आप के साथ होगा। अपनी ताकत समझो और समाजवादी का साथ छोड़ो। प्रबल पुनिया नाम के यूजर ने लिखा कि जेल से छूटते ही आशीष मिश्रा ने वोट की पोटली योगी जी को पकड़ा दी है इसलिये बहुत खुश हैं। 2-3चरणो में मायूसी छायी हुई थी।

ओम दत्त यादव नाम के यूजर ने जयंत चौधरी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि इनके दोहरे चरित्र को आम जनमानस समझ चुका है, इनका सफाया हो जाएगा इस बार। सारे ढोंगी, जुमलेबाजों को भागना पड़ेगा यूपी छोड़कर। रामभक्त नाम के एक यूजर ने लिखा कि जयंत जी आपने किसानों के लिए क्या किया है ये बताओ पहले। कब तक दादा के नाम पर राजनीति चलाओगे अपनी। अपना चुनाव तो तुमसे भाजपा की मदद के बिना जीता नहीं जाता और जिस पार्टी को गुंडों की पार्टी कही थी आपके पापा ने, उसी के साथ हो लिए। स्वर्गवासी पिता का तनिक भी सम्मान नहीं किया?