ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर शुरू हुए विवाद पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का कहना है कि ये सर्वे पूरी तरह से गलत है, वहीं उनका कहना है कि यह सर्वे 1991 एक्ट का उल्लंघन है। उनकी ओर से लगातार कहा जा रहा है कि वह एक बार फिर से अपनी किसी मस्जिद को शहीद नहीं होने देंगे। ओवैसी द्वारा किए जा रहे वार पर एक टीवी शो में मौजूद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swamy) ने पलटवार किया।

AIMIM प्रमुख ने राम मंदिर विवाद का किया जिक्र : असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर (Ram Mandir) को लेकर कहा कि वहां पर मूर्तियां चोरी से रख दी गई, इसके बाद वहां के डीएम ने मस्जिद को बंद कर दिया था। वहां पर जाकर पुजारी पूजा करने लगे, जिसके बाद हमारी नमाज बंद हो गई। उन्होंने कहा कि उसी तरह ज्ञानवापी मस्जिद में भी ताला खोल दिया गया, अगर 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को न गिराया जाता तो फैसला अलग होता।

बीजेपी और RSS पर किया तीखा प्रहार : ओवैसी ने बीजेपी और RSS पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह 1991 ACT को फॉलो करें। इसके साथ उन्होंने कहा कि इस मामले को तूल देने वाले लोगों का संबंध RSS से है। ओवैसी ने कहा कि मुझे डर है कि 1992 का काला दौर फिर से वापस न आ जाए। जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानून बना दिया गया है तो उस पर चर्चा क्यों की जा रही है।

पब्लिक को कर रहे हैं गुमराह : सुब्रमण्यम स्वामी ने ओवैसी के बयान पर कहा कि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं। इस मामले का 1991 ACT से कोई भी मतलब नहीं है, अगर ओवैसी जाकर कोर्ट में कहेंगे कि 1991 ACT का उल्लंघन हुआ है तो कोर्ट में जाकर सभी हसेंगे। स्वामी ने ओवैसी पर पलटवार कर कहा कि उनकी सारी बातें बेबुनियाद हैं। स्वामी की ओर से कहा गया कि यह बात तय की गई थी, जहां भी भगवान प्रकट हुए हम की बात करेंगे।

केवल तीन मंदिर चाहिए : सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा कहा गया कि मुगल काल के द्वारा 40 हजार मंदिरों को तोड़ा गया है लेकिन हमें केवल तीन मंदिर चाहिए। अयोध्या, काशी और मथुरा में भगवान के प्रकट होने के किस्से हैं, ऐसे में हम किसी भी हाल में इन तीनों मंदिरों को नहीं छोड़ सकते हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने यह भी कहा कि वह बाबरी जैसा तोड़फोड़ नहीं चाहते हैं, लेकिन हमारा मूलभूत अधिकार है कि भगवान शिव ने जहां ज्योतिर्लिंग रखी है। वहां पर हम दोबारा ज्योतिर्लिंग रखेंगे।