एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिलकिस बानो गैंग रेप केस को लेकर गुजरात सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि इस मामले में महिला मुस्लिम एंकर चुप क्यों हैं? ओवैसी द्वारा किए गए सवाल पर लोग कई तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
ओवैसी ने कही यह बात
असदुद्दीन ओवैसी ने दोषियों को रिहा करने के फैसले पर केंद्र सरकार से कहा कि वह इसके खिलाफ हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के लोगों की हत्या से जुड़े मामले में दोषियों को रिहा करने के आदेश को वापस लिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सवाल किया कि इस मसले पर देश के मुस्लिम एंकर चुप क्यों हैं? आप महिला होते हुए बिलकिस बानो की तकलीफ को ज्यादा समझ सकती हैं।
ओवैसी ने कहा – मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ होती हैं गलत बातें
असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि देश में आए दिन महिलाओं पर जुल्म होता है और मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ गलत बातें की जाती हैं। उन लोगों को सोचना चाहिए कि आज यह बिलकिस बानो के साथ हुआ है, कल किसी के साथ भी हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘बिलकिस बानो को केवल मुसलमान होने के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए, यह महिलाओं का मुद्दा है।’
पीएम मोदी से उन्होंने अपील की कि यह आदेश तुरंत वापस लिया जाए।
ओवैसी के बयान पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
आशुतोष नाम के ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि महिला एंकर ही नहीं बल्कि महिला मंत्री भी चुप हैं? आदिल खान नाम के एक टि्वटर यूजर ने एंकर रूबिका लियाकत और रोमाना ईसार खान को टैग करते हुए पूछा कि क्या आप इस मुद्दे पर कुछ बोलेंगी? युसूफ खान नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ महिलाओं के सबसे बड़े दुश्मन तो आप हो, ट्रिपल तलाक कानून के खिलाफ तो आप ही थे। यहां पर अब ज्ञान दे रहे हैं।’
इमरान शेख नाम के ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि साहब आप तो उन्हीं महिला पत्रकारों के साथ बैठकर डिबेट करते हैं। उस समय ऐसे सवाल क्यों नहीं करते हैं, बैरिस्टर की डिग्री ली है तो रिहाई के लिए कोर्ट में चले जाओ। टीवी पर बैठकर बयानबाजी करने से क्या फायदा होगा। अजय चौधरी नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘ऐसा समय आ गया है कि जब तक किसी का अपना फायदा नहीं होता तब तक वह किसी भी मुद्दे पर बोलता ही नहीं है, बिलकिस बानो जैसे मामले पर लोगों का खुलकर सामने ना आना दिखाता है कि देश में कितनी कट्टरता फैल गई है।’