31 अगस्त को उत्तर प्रदेश में गैर सरकारी मान्यता वाले मदरसों का सर्वे कराने संबंधी आदेश जारी हुआ था। सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। मदरसों के सर्वे कराये जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि मदरसे संविधान के अनुच्छेद 30 के अंतर्गत हैं तो यूपी सरकार ने सर्वे कराने का आदेश क्यों दिया। अनुच्छेद 30 के तहत सरकार हमारे अधिकारों में दखल नहीं दे सकती। वे मुस्लिमों का शोषण करना चाहते हैं। असदुद्दीन औवेसी ने इस सर्वे को छोटे NRC की तरह बताया है। अब इस भाजपा नेता अपर्णा यादव ने जवाब दिया है।
अपर्णा यादव ने क्या कहा?
न्यूज 24 चैनल से बात करते हुए अपर्णा यादव ने कहा है कि मदरसे भी उत्तर प्रदेश सरकार का एक हिस्सा हैं। अगर पब्लिक स्कूल उत्तर प्रदेश के अंडर आते हैं, ऐसे में मदरसों को आधुनिकीकरण के लिए सर्वे कराया जा रहा है तो इसमें ओवैसी जी को मिर्च क्यों लग रही हैं? क्या वो इस देश का हिस्सा नहीं है?
मदरसों को शिक्षा की जरूरत नहीं?
अपर्णा यादव ने कहा कि क्या मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित जीवन पाने का अधिकार नहीं है? क्या उनको आधुनिक शिक्षा की जरूरत नहीं है। अगर वो इस्लामिक पढ़ाई कर रहे हैं तो उन्हें कंप्यूटर शिक्षा की जरूरत नहीं है। क्या उनको मिड डे नहीं मिलना चाहिए? उत्तर प्रदेश में अगर मदरसे आ रहे हैं तो वह उत्तर प्रदेश सरकार का हिस्सा हैं?
अपर्णा यादव ने कहा कि अगर मदरसे आधुनिकीकरण किया जा रहा है तो इसमें ओवैसी जी या किसी भी जी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए, जो भी हो रहा है वो राष्ट्रहित में हैं। बच्चा चाहे किसी भी धर्म का है वो उत्तर प्रदेश का नागरिक है, भारत का नागरिक है। सर्वे होने के बाद मदरसे की स्थिति साफ हो पाएगी कि उन्हें क्या जरूरत हैं।
बता दें कि बाल्य संरक्षण आयोग को मिली शिकायतों के आधार पर मदरसों का सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है। इसमें मदरसों की संख्या, वहां उपलब्ध सुविधाएं और वहां पढ़ाई करने वाले छात्रों का ब्योरा जुटाया जाएगा। इस पर ओवैसी ने आपत्ति जताई थी।
गौरतलब है कि यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री दानिश अंसारी ने भी असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि ओवैसी साहब हमेशा गुमराह करने वाली राजनीति करते हैं लेकिन आज के मुसलमान अच्छी तरह से वाकिफ हैं, योगी सरकार पर उन्हें भरोसा है।
