सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया है कि अगर शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं तो मंदिर क्यों नहीं? उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर 2 हफ्ते में मंदिर नहीं खुले तो भूख हड़ताल करनी पड़ेगी। साथ ही यह सवाल कि अगर कोविड-19 के कारण मंदिरों को बंद किया गया है, तो शराब की दुकानों के बाहर इतनी लंबी कतारें क्यों लगाई जा रही हैं?
अन्ना हजारे की इस मांग पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग उन्हें बीजेपी का एजेंट बताने लगे वहीं कुछ यूजर ने कमेंट किया कि यह सब यूपी इलेक्शन के लिए किया जा रहा है। @ashraf75 टि्वटर हैंडल से कमेंट आया कि कम से कम नींद से उठे तो…। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि अन्ना हजारे हमेशा भाजपा के विपक्ष के खिलाफ क्यों आवाज उठाते रहते हैं? यह भी भाजपा सांसद बनने वाले हैं क्या?
@SAJ397 टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि अन्ना हजारे जाग गए हैं, लेकिन क्या हुआ अन्ना हजारे जी 2014 से पहले बड़े आंदोलन करते थे? अच्छा बीजेपी शासित वाले राज्य नहीं दिखते क्या? @ashokkaushik426 टि्वटर अकाउंट से कमेंट किया गया कि कांग्रेस राज में लोकपाल चाहिए था। भाजपा राज में मंदिर खुलवा रहे हैं, इनको महंगाई दिखाई नहीं दिखाई दे रही है। एक ट्विटर यूजर लिखते हैं कि यह चाचा बहुत बड़े पॉलिटिक्स बाज हैं, भाजपा से कभी सवाल नहीं करते हमेशा अन्य दलों पर हमलावर रहते हैं।
अमित श्रीवास्तव नाम के ट्विटर यूजर ने अन्ना हजारे के इस बयान पर कमेंट किया कि यह बीजेपी के वो सिम कार्ड है जो समय समय पर रिचार्ज किए जाते हैं। एक टि्वटर यूजर ने अन्ना हजारे से सवाल पूछा कि कभी कॉलेज खोलने के आंदोलन में भी अपना समर्थन देंगे क्या? कुणाल घोष नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि बीजेपी वाले जरूर खुश हो रहे होंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि प्रतिदिन कोविड के मरीजों संख्या कम हुई है, लेकिन महाराष्ट्र के कुछ जिले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। ऐसे में सुझाव दिया जा रहा है कि महाराष्ट्र में आगामी त्योहारों के दौरान सार्वजनिक कार्यक्रमों तथा लोगों की भीड़ इक्क्ठा होने के मद्देनजर सरकार दही हांडी और गणपति महोत्सव पर पाबंदी लगाए।