कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कई तरह की प्रतिक्रिया रही है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से जब इस फिल्म को लेकर सवाल पूछा गया तो वह पत्रकारों पर भड़क गए। टीवी चैनलों पर होने वाली बहस के दौरान इस फिल्म पर सभी के मत अलग नजर आ रहे हैं। इसी मुद्दे पर टीवी चैनल पर हो रहे डिबेट के दौरान एंकर सुशांत सिन्हा और इस्लामिक स्कॉलर अतीक उर रहमान के बीच तीखी बहस हो गई।

‘टाइम्स नाउ नवभारत चैनल के कार्यक्रम ‘राष्ट्रवाद’ में अतीक उर रहमान ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर अपनी बात रखते हुए परज़ानिया फिल्म का जिक्र करने लगे। उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बात कर कहा कि उन्होंने परज़ानिया फिल्म पर रोक क्यों लगाई थी? इस पर एंकर ने उन्हें चुनौती दी कि आपको मैं समय देता हूं और आप अपने फोन में मुझे इस बात का प्रमाण दें।

एंकर के चैलेंज पर इस्लामिक स्कॉलर कहने लगे कि अगर मैं इस फोन से आपको प्रमाण दिखाऊंगा तो डिबेट से बाहर हो जाऊंगा। सुशांत सिन्हा ने उनसे कहा कि आप कुछ देर के लिए डिबेट से बाहर हो जाइए लेकिन मुझे प्रमाण दिखाइए। ऐसे आर्टिकल दिखाइए जिसमें यह लिखा गया हो कि गुजरात की सरकार ने परज़ानिया फिल्म को बैन किया था।

अतीक उर रहमान ने बजरंग दल का जिक्र करते हुए कहा कि इस संगठन ने परज़ानिया फिल्म को बैन किया था। सुशांत सिन्हा ने भड़कते हुए पूछा कि क्या उस समय गुजरात में बजरंग दल की सरकार थी या नरेंद्र मोदी बजरंग दल की सरकार में थे? मैं चाहता था कि आपका झूठ पकड़ा जाए। चिल्लाते हुए एंकर कहने लगे कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कभी भी परज़ानिया फिल्म को बैन नही किया था।

अतीक उर रहमान ने एंकर की बात पर कहा कि नरेंद्र मोदी और बजरंग दल एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। जिसके बाद एंकर और अतीक उर रहमान के बीच तीखी बहस होने लगी। जानकारी के लिए बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित परज़ानिया फिल्म को 2005 में बजरंग दल जैसे संगठनों ने गुजरात में बैन कर दिया था। इसमें फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और अभिनेत्री सारिका ने लीड रोल किया था।