अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के मुद्दे को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। आए दिन राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे को लेकर टिप्पणी करते रहते हैं। वहीं, न्यूज एंकर रूबिका लियाकत ने भी इस मुद्दे को लेकर एक टिप्पणी की है, जिसके बाद ट्विटर पर बहस छिड़ गई है। रूबिका लियाकत ने ट्वीट किया है, “अल्लाह की इबादत के लिए बाबरी मस्जिद की जरूरत नहीं। जहां सजदा करेंगे, वहां मस्जिद बन जाएगी। श्री राम की जन्मभूमि एक ही जगह है।” रूबिका के इस ट्वीट के बाद ट्विटर यूजर्स के बीच काफी बहस हो रही है।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “आप कोई सुप्रीम कोर्ट की जज नहीं हो जो फैसला सुना रही हो। अब वो होगा जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा और सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी सर आंखों पर होगा। हम चाहते हैं कि जल्दी से फैसला आए और बीजेपी का एक मुद्दा तो खत्म हो, जो हमें आपस में लड़ाता है।” इस यूजर को जवाब देते हुए एक ने लिखा, “भाई सुप्रीम कोर्ट ने तो शाहबानो और तीन तलाक पर भी फैसला दिया है। पहले वह तो मान लो।” एक यूजर ने लिखा, “बेवकूफ रूबिका लियाकत, पैसों की खैरात में इतनी अंधी मत हो जाओ, जो ईमान का सौदा करने लगी हो। बात आस्था की नहीं है, सियासत की है। आस्था होती या राम मंदिर वहां होता तो मुगलों के जाने के बाद 200 साल अंग्रेज रहे, किसी ने मंदिर की मांग नहीं की। बाबरी मस्जिद के बाद किसी और मस्जिद को तोड़ेंगे।”
Aap koi supreme court ki judge nhi ho jo faisla suna rahi ho. Ab wo hoga jo s.c ka judgement hoga. Aur s.c ka judgement hamari sar ankhon par hoga. Hm chahte hain jaldi se judgement aye aur bjp ka 1 mudda to khatm ho jo hame apas me ladata hai
— Islam Khan (@IslamKh38882422) February 25, 2018
बेवकूफ़ रूबिका लियाकत पैसों की खैरात में इतनी अंधी भी मत हो जाओ, जो ईमान का सौदा करने लगी हो।
बात आस्था की नहीं है सियासत की है, आस्था होती या राम मंदिर वहां होता तो मुगलों के जाने के बाद 200 साल अंग्रेज़ रहे किसी ने मंदिर की मांग नहीं की। बाबरी मस्जिद के बाद किसी और मस्जिद को तोड़ेंगे— Danish Pasha (@danishshahbaz11) February 25, 2018
वहीं, रूबिका की तारीफ करते हुए एक ने लिखा, “काश सभी मुस्लिमों की सोच आपके जैसी होती।” एक ने लिखा, “काश आप जैसी विचारधारा ओवैसी और बाकी की भी हो जाए तो देश में एकता बनी रहेगी।” एक यूजर ने रूबिका को खरी-खोटी सुनाते हुए लिखा, “सही बात है, दलाली करो, लेकिन ये तो जरूरी नहीं कि बीजेपी और आरएसएस की ही करो। थोड़ी शर्म भी करो, कोर्ट फैसला कर देगा कि वहां क्या बनेगा, तुम कौन होती हो बीच में फैसला देना वाली।” इसका जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा, “ये उनका फैसला नहीं, बल्कि उनका अपना दृष्टिकोण है और रही बात बीजेपी और आरएसएस की दलाली की तो इस ट्वीट में तो कहीं भी उनका नाम नहीं है।”
काश सभी मुस्लिमों की सोच आपके जैसी होती।
— Bhumika (@Bhumika69614965) February 26, 2018
काश आप जैसी विचारधारा ओवैसी और बाकी की भी हो जाए तो देश में एकता देखने को मिले।
— Pankaj Kaushal (@PankajK66876629) February 25, 2018
ye unka faisla nhi unka point of view h ….or rhi baat rss or bjp ki dalali ki to is tweet me to khi bhi bjp or rss ka naam bhi nhi h
— ankit sharma (@ankitsharma121_) February 26, 2018