26 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) के दोनों पुत्रों साहेबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह (Sahibzade Fateh Singh and Zorawar Singh) के बलिदान दिवस के मौके पर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम (Major Dhyanchand Stadium, Delhi) में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) गुरु गोविंद सिंह के दोनों पुत्रों को नमन करते हुए कहा कि चमकौर और सरहिंद के युद्ध में जो कुछ हुआ, वह ना भूतो ना भविष्यति था। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यह युद्ध हजारों साल पुराना नहीं है कि उसकी यादें धुंधली हो गई हों।

इतिहास को लेकर क्या बोले पीएम मोदी ?

अपने संबोधन में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि दुर्भाग्य से हमें इतिहास के नाम पर वो गढ़े हुए नैरेटिव बताए और पढ़ाए जाते रहे, जिनसे हमारे भीतर हीनभावना पैदा हो। इसके बाद भी हमारे समाज और परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जिंदा रखा। उन्होंने कहा कि चमकौर और सरहिंद के युद्ध हजारों साल पुराना नहीं बल्कि यह इस देश में तीन सदी पहले ही हुआ था। एक तरफ कट्टर मुगल सल्तनत थी तो वहीं ज्ञान और तपस्या में तपे हुए हमारे गुरु थे। एक तरफ आतंक की पराकाष्ठा थी तो दूसरी तरफ अध्यात्म का शीर्ष। पीएम मोदी के ‘इतिहास के नाम पर नैरेटिव पढ़ाये जाने’ की खबर को पत्रकार अमन चोपड़ा (Aman Chopra) ने शेयर किया तो लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे.

यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

@ARVINDUDAIPUR27 यूजर ने लिखा कि साहब ने धर्म, अर्थशास्त्र और पत्रकारिता शास्त्र का तो कबाड़ा कर दिया हैं, अब इतिहास शास्त्र की बारी है। महाराष्ट्रा कांग्रेस सेवादल के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि इतिहास में जाएंगे तो संघियों की मुखबिरी भी सामने आएगी, जो स्कूलों में नही पढ़ाई गयी। एक यूजर ने लिखा कि वो इतिहास कब पढ़ लिया? उसकी तो पढ़ाई ही नहीं हुई है.@DrUmaShanker7 यूजर ने लिखा कि हां, असली ज्ञान तो वाट्सऐप यूनिवर्सिटी में ही मिलता है, बाकी किताबें, इतिहास सब मिथ्या हैं.

@owais_mohmmad यूजर ने लिखा कि बस इतिहास खोदते रहो, जनता को अतीत के नाम पर बेवकूफ बनाते रहो लेकिन जनता के भविष्य के लिए क्या रहे हो, तुम लोग ये बताओ. @varun22655 यूजर ने लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी अहंकार की पराकाष्ठा को पार करते हुए इतिहास को भी झुठला रहे हैं! मोदी जी इतिहास को झुठलाने का जोखिम मत लो.@paarizatsanadh1 यूजर ने लिखा कि अब समय आ गया है कि जो पुराना और गलत इतिहास हमे पढ़ाया गया था, अब उसे बदलने का समय है। ये काम केवल आप जैसे सच्चे लोग ही कर सकते हैं प्रधानमंत्री जी।

बता दें कि अपने संबोधन में पीएम मोदी (PM Modi) ने यह भी कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का संकल्प फूंका है। वीर बाल दिवस (Veer Bal Divas) हमारे पंच प्रणों के लिए प्राण वायु की तरह है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में नई पीढ़ी जोर जुल्म के आगे घुटने टेक देती है, उसका भविष्य समाप्त हो जाता है। भारत की भावी पीढ़ी कैसी होगी, यह इस बात भी निर्भर करता है कि वह किससे प्रेरणा ले रही है। हमारे लिए प्रेरणा के सभी स्रोत इसी धरती पर मौजूद हैं।