लिव इन रिलेशनशिप को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। श्रद्धा मर्डर केस के बाद इस मुद्दे पर खूब चर्चा हुई लेकिन फिर दिल्ली में निक्की यादव की ऐसे ही हत्या की जानकारी सामने आने के बाद एक बार फिर लिव इन रिलेशनशिप को लेकर लोगों के विचार सामने आने लगे हैं। अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने कहा है लिव इन रिलेशन शिप भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है, मैं संसद में इसके खिलाफ आवाज उठाऊंगी। संसद नवनीत राणा के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लिव इन रिलेशन पर क्या बोलीं सांसद नवनीत राणा?
आज तक चैनल पर एक चर्चा में शामिल हुई सांसद नवनीत राणा ने कहा है कि लिव इन कल्चर हमारा नहीं है। ये पश्चिमी सभ्यता को अपनाया गया कल्चर है। हमारी बच्चियों को ये भी संस्कार देना चाहिए कि ये हमारा कल्चर नहीं है। इसके बाद जो क्राइम करता है, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। लड़का/लड़की दोनों के लिए एक ही कानून लागू होना चाहिए। जब संसद में कानून आएगा तो इसमें भेदभाव नहीं किया जाएगा। सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा है कि हमें जब भी लगेगा, संसद में इसके लिए आवाज उठाएंगे।
सोशल मीडिया पर लोगों की ऐसी टिप्पणी
नवनीत राणा के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। @doctor_jango यूजर ने लिखा कि आजकल एक्सीडेंट से भी बहुत लोग मर रहे हैं, गाड़ियों को भी बैन कर देना चाहिए l एक यूजर ने लिखा कि शायद पहली शेरनी होगी, जो सच को कहने की हिम्मत दिखाएगी। @diwakarsgautam यूजर ने लिखा कि एक तरफ वयस्क हो जाने पर आजादी की बात करो और दूसरी तरफ मां बाप पर भविष्य छोड़ दो, यह तो दोहरी बात हो गयी ना।
एक अन्य यूजर ने पूछा कि बुलडोजर की राजनीति में एक मां बेटी जिंदा जल गई। ये भी तो हमारी संस्कृति नहीं है। आप लोग ऐसे मुद्दे पर सवाल क्यों नहीं करतीं। @notdatdeshbhakt यूजर ने लिखा कि मुझे उम्मीद है कि नवनीत राणा देश के उन मुद्दों को सदन में उठाएंगी, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जैसै बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी।
@kk_bhatia यूजर ने लिखा कि लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ आवाज? इसके ख़िलाफ ना कोई कानून है, ना ही बन सकता है। यह व्यक्तिगत मामला है। इसके लिए लड़की-लड़कों को शिक्षित करना होगा। @pavitra_kekare यूजर ने लिखा कि वेलेंटाइन डे भी हमारी सभ्यता का हिस्सा नहीं है तो आपने इसे क्यों मनाया? @SonuKum48156807 यूजर ने लिखा कि बेरोजगारी और मंहगाई के खिलाफ आवाज उठाने में आपको शर्म आती है क्या? इन सभी मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं करते?