उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण के मतदान से पहले धुंआधार प्रचार देखने को मिल रहा है। बीजेपी के कई नेता चार और पांच मार्च को यूपी के कई इलाकों में डेरा डाले हुए हैं। खुद पीएम मोदी वाराणसी में जनसभा को संबोधित कर चुके हैं।शनिवार (5 मार्च) को देश के गृह अमित शाह जौनपुर पहुंचे। जहां उन्होंने अखिलेश यादव पर कई बड़े हमले बोले।

“अखिलेश को राजनीति में रहने का कोई हक़ नहीं”: अमित शाह ने कहा कि “कोरोना का टीका आने के बाद अखिलेश बाबू ने कहा कि ये मोदी का टीका है। मत लगवाओ, नुकसान कर देगा। लेकिन, 10 दिन बाद ही रात के अंधेरे में उन्होंने खुद टीका लगवा लिया।” गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “जनता को मना कर खुद टीका लगवाने वाले नेताओं को राजनीति में रहने का हक नहीं है।”

 “मूंछों पर ताव देकर घूमने वाले बाहुबली भी जेल में होंगे”: इतना ही नहीं, अमित शाह ने कहा कि “पांच साल के अंदर उत्तर प्रदेश से माफियाओं को चुन-चुन कर समाप्त कर देंगे। अतीक अहमद, आजम खान, मुख्तार अंसारी, ये सभी जेल में हैं। एक बार मल्हानी विधानसभा में कमल खिला दो तो जो दो-तीन बाहुबली मूंछ पर ताव देकर घूमते हैं, वो भी मुख्तार अंसारी के साथ जेल में होंगे।”

लोगों की प्रतिक्रियाएं: अमित शाह के इस बयान पर अब लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। डॉ दर्शनानंद नाम के यूजर ने लिखा कि “भारत के गृहमंत्री सार्वजनिक सभा में कबूल कर रहे हैं कि हमें मालूम है कि माफिया हैं, मूछों पर ताव लेकर घूम रहे हैं परंतु हम उन्हें पकड़ नहीं पाए क्योंकि हमारी ताकत थोड़ी कमजोर है। अबकी बार आप और वोट दे दीजिए उत्तर प्रदेश में, फिर ताकत बढ़ जाएगी। फिर पकड़ लेंगे। व्हाट इस जोक?”

रेनू धवन ने लिखा कि “वो बीजेपी में आ जाएंगे तो उनके सारे पाप बीजेपी रूपी वाशिंग पाउडर मे घुल कर साफ हो जाएंगे।” मोहम्मद शोइब नाम के यूजर ने लिखा कि “किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाले की बात कर रहे हैं क्या?” सदातन नाम के यूजर ने लिखा कि “बाहुबली दूसरी पार्टी वाले जेल में रहेंगे, तुम्हारी पार्टी वाले बाहुबली तो घूमेंगे ही न मूंछ में ताव देकर। आम जनता को परेशान करेंगे।”

शानू नाम के यूजर ने लिखा कि “5 साल से कमल ही खिला हुआ था भाई, 5 साल क्या भुट्टे भून रहे थे?” इमरान अहमद नाम के यूजर ने लिखा कि “पांच सालों तक क्यों छोड़ रखा था साड़ों की तरह, इनका भी बंदोबस्त 10 मार्च के बाद ही करोगे?”

बता दें कि आंकड़ों के अनुसार UP विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में चुनाव लड़ने वाले कुल 170 या 28 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 35 सीट पर कुल 65 प्रतिशत रेड अलर्ट पर हैं। गौरतलब है कि सात मार्च को यूपी विधानसभा चुनाव में सांतवे और अंतिम चरण की वोटिंग होने वाली है।