टीवी पत्रकार अमिश देवगन और कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा के बीच सोशल मीडिया पर वीर सावरकर को लेकर बहस हो गई। अमिश ने अपने डिबेट का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि अल्पसंख्यक वोटों के लिए सावरकर इनको (कांग्रेस) गद्दार नजर आते हैं। अलका लांबा ने उनके इस ट्वीट पर पलटवार किया।

अमिश ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस प्रवक्ता मुदित अग्रवाल से कहा कि वीर सावरकर केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के नहीं थे बल्कि पूरे देश के थे। अग्रवाल ने उनकी बात पर आपत्ति जताई। पोस्ट पर अमिश ने लिखा कि जिस कांग्रेस के लिए पहले वीर सावरकर महान थे वही अब अल्पसंख्यक वोटों के लिए गद्दार नजर आ रहे हैं।

उनके ट्वीट पर कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने लिखा, अमिश जी, आपके अनुसार कांग्रेस आज देश के अल्पसंख्यकों के लिए सावरकर को कायर बता रही है। सावरकर भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ अंग्रेजों के साथ मिलकर षड्यंत्र रच रहे थे। देश में अल्पसंख्यक उन्हें मंजूर नहीं थे, वर्ना आप ऐसा क्यों कहते।

अलका लांबा के इस पलटवार पर अमिश देवगन ने उनसे पूछा, स्वर्गीय इंदिरा जी ने क्यों उन्हें भारत का महान सपूत कहा था? क्या इंदिरा जी गलत थीं? अलका लांबा और अमीश देवगन के इन ट्वीट पर तमाम यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बद्री जोशी नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं कि इसका मतलब इंदिरा गांधी ने अल्पसंख्यक के दुश्मन को प्रोत्साहित किया, यानी अलका लांबा मान रही है कि इंदिरा गांधी ने अल्पसंख्यकों से गद्दारी की?

जय सिंह रघुवंशी (@jaisinghrahunw) ने टि्वटर पर लिखा कि आपके तो अध्यक्ष ही अंग्रेज थे। आप लोग कांग्रेस पार्टी की गुलामी करते थे और आपके नेता अंग्रेजों की गुलामी में व्यस्त रहते थे। शंभू शाह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, आजकल टीवी पत्रकारों ने अपना संतुलन खो दिया है।गौरतलब है कि एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। उनके इसी बयान के बाद से सावरकर पर चर्चा तेज हो गई है।